मीराबाई चानू का जीवन परिचय | Mirabai Chanu Biography in Hindi

मीराबाई चानू का जीवन परिचय


नाम :- मीराबाई चानू

पुरा नाम :- साइखोम मीराबाई चानू

जन्म तारीक :- 8/8/1994

उम्र :- 27 साल

रहवासी :- मणिपुर

नागरिकता :- भारतीय 

धर्म :- हिंदू

जाति :- NA

पेशा :- खिलाड़ी

खेल :- वेट लिफ्टिंग

वर्ग :- 48 किलोग्राम

लम्बाई :- 4 फिट 11 इंच

 वजन :-  48 किलोग्राम

रंग. :- गोरा

आँखों का कलर :- काला

कोच  :-  कुंजरानी देवी

 मीराबाई चानू का प्रारंभिक जीवन 


मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के इंफाल से 20 किमी दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में हुआ था. मीराबाई अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटी है. इनका परिवार आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है. आर्थिक रूप से सक्षम न होने का कारण मीरा बाई को अपने भाई सैखोम सांतोम्बा मीतेई के साथ पहाड़ों पर लकड़ी बीनने के लिए जाना पड़ता था. इस दौरान मीरा बाई की उम्र सिर्फ 12 वर्ष थी. इनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी हुई.


 मीराबाई चानू का करियर


मीराबाई चानू ने मात्र 12 साल की उम्र में अंडर15 का खिताब जीत लिया था और 17 साल की उम्र में जूनियर चैंपियन बन गई थी. आर्थिक रूप से सक्षम ना होने के कारण मीराबाई का परिवार लोहे की बार नहीं खरीद सकता था इसलिए उन्होंने बात से ही बार बना कर अपनी ट्रेनिंग को जारी रखा.

वर्ष 2014 में मीराबाई ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 48 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था.

वर्ष 2016 में मीराबाई रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था परंतु इस ओलंपिक में इन्हें कोई भी पदक नहीं मिला था.

वर्ष 2016 में ही इन्होंने साउथ एशियन गेम्स जो कि गुवाहाटी में आयोजित हुए थे. उसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था.

वर्ष 2017 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई ने गोल्ड मेडल हासिल किया था.

कर्णम मल्लेश्वरी के बाद चानू वल्र्ड चैम्पियन बनने वालीं दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर हैं। उन्होंने यह एचीवमेंट नवंबर 2017 में हासिल किया था। तब उन्होंने 194 किग्रा (स्नैच में 85 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 109 किग्रा) वजन उठाया था। उस वक्त चानू की उम्र 22 साल थी। वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड मेडल जीतने में 22 साल लग गए। कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में इस प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के खाते में अब तक सिर्फ दो गोल्ड ही आए हैं।

वर्ष 2018 में चोट के चलते मीराबाई एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाई थी


मीराबाई चानू ने 22 साल की उम्र में 22 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

कर्णम मल्लेश्वरी के बाद चानू वल्र्ड चैम्पियन बनने वालीं दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर हैं। उन्होंने यह एचीवमेंट नवंबर 2017 में हासिल किया था। तब उन्होंने 194 किग्रा (स्नैच में 85 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 109 किग्रा) वजन उठाया था। उस वक्त चानू की उम्र 22 साल थी। वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड मेडल जीतने में 22 साल लग गए। कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में इस प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। वल्र्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के खाते में अब तक सिर्फ दो गोल्ड ही आए हैं।


मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भार वर्ग में वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत लिया है. चानू ने स्नैच राउंड के बाद 12 किलो की भारी-भरकम बढ़त बना ली थी.


चानू इस बार शुरू से ही विश्वास से भरी नजर आ रही थीं. उन्होंने कुल 201 किलो वजन उठाया. स्नैच में उन्होंने 88 किलो वजन उठाया. जबकि क्लीन और जर्क में 113 किलो वजन उठाया. उन्होंने इस कैटेगरी में रिकार्ड बनाया है.


अपनी पहली कोशिश में ही उन्होंने 84 किलो वेट उठाया था. दूसरी कोशिश में उन्होंने 88 किलो वेट उठा कर पर्सनल बेस्ट की बराबरी कर ली थी.


वो शुरू से ही गोल्ड मेडल पोजीशन पर बनी हुई थीं. ये इस कैटेगरी में स्नैच का गेम्स रिकॉर्ड भी है. तीसरे प्रयास में उन्होंने 90 किलो उठाने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हो सकीं.

मीराबाई टोक्यो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट हैं. यहां 49 किलो वेट कैटेगरी में यहां उनसे गोल्ड की उम्मीद थी.

टोक्यो ओलंपिक में जीता सिल्वर मेडल


मीराबाई चानू ने 24 जुलाई 2021 को टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत भारत का टोक्यो ओलंपिक में खाता भी खोल दिया है। वह गोल्ड मेडल जीतने से बस थोड़ा ही चूक गईं। इसी साल के राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड की घोषणा हुई। घोषणा ये कि खेल मंत्रालय ने विराट कोहली और वर्ल्ड चैंपियन वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू के इस साल का खेल रत्न देने का फैसला किया है। ये स्पोर्ट्स का सबसे बड़ा अवॉर्ड। Saikhom Mirabai Chanu Hindustan। आईएएनएस न्यूज़:गुवाहाटी, 22 जनवरी आईएएनएस भारोत्तोलन में भारत के पहले द्रोणाचार्य अवार्डी विजेता पाल सिंह संधू को उम्मीद थी कि अनुभवी महिला वेटलिफ्टर साइखोम मीराबाई चानू आगामी टोक्यो ओलंपिक में देश को पदक ज़रूर दिलाएंगी।


साइखोम मीराबाई चानू कोच 


वेट लिफ्टिंग में मीरा की कोच कुंजरानी देवी है जो खुद भी वेट लिफ्टिंग में एक भारतीय खिलाड़ी है. कुंजरानी भी इम्फाल मणिपुर की ही रहने वाली है.


मीराबाई चानू के नाम रिकॉर्ड्स


1.साल 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स (ग्लासगो) में 48 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता।
2.साल 2016 में गुवाहाटी में संपन्न 12वें साउथ एशियन गेम्स में s मीराबाई चानू  ने गोल्ड मेडल जीता था।3.साल 2017 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता।
4.साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर  मीराबाई चानू  ने भारत का नाम रोशन किया जोकि महिला वर्ग की 48 किलोग्राम वेट लिफ्टिंग में था।
5.साल 2016 में संपन्न रियो ओलंपिक में भी मीराबाई चानू  चयन हुआ था, लेकिन इसमें इनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।


मीराबाई चानू का अवार्ड 


2018 में सैखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) को भारत का सर्वोच्च नागरिक खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) से सम्मानित किया गया था। इसी साल इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री (Padma Shri) से भी नवाजा गया।


यह पढ़ें

• लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाज) का जीवन परिचय

• रवि कुमार दहिया ( रेसलिंग) का जीवन परिचय 

• पी वी सिंधु (बैडमिंटन) की जीवनी

 बजरंग पुनिया का जीवन परिचय

• नीरज चोपड़ा (जेवलिन थ्रो) का जीवन परिचय

Leave a Comment