मूविंग क्वॉयल यन्त्र क्या है और कैसे कार्य करती हैं | What is a moving coil instrument and how does it work in Hindi

 मूविंग क्वॉयल यन्त्र क्या है


M.C कार्य सिद्धान्त 


 यदि चुम्बकीय क्षेत्र में आलम्बित ( suspended ) कुण्डली में से विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो उसमें एक बल – युग्म ( force – couple ) विकसित हो जाता है । यह बल – युग्म उस कुण्डली को स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली द्वारा जनित चुम्बकीय क्षेत्र की परिणामी दिशा में घुमा देता है । 

( डी.सी , मोटर भी इसी कार्य सिद्धान्त पर कार्य करती है । ) 


 मूविंग क्वॉयल यन्त्र की संरचना


इस यन्त्र में निम्न मुख्य भाग होते हैं स्थायी चुम्बक , दो ध्रुव – खण्ड , एल्युमीनियम से बने आयताकार ढाँचे पर लपेटी गई कुण्डली , धुरा , दो बाल – कमानी , दो ज्वैल बियरिंग एक पूर्वांकित पैमाना , एक संकेतक , सन्तुलक वजन , नर्म लौह कोड आदि । ये भाग चित्र के अनुसार व्यवस्थित होते हैं । आयताकार कुण्डली को दो ज्वैल बियरिंग्स पर इस प्रकार आलम्बित किया जाता है कि वह सरलता से लगभग 150 तक घूम सके । क्वायल को बाल – कमानियों के द्वारा विद्युत धारा प्रदान की जाती है ।

Moving Coil Instrument


मूविंग क्वॉयल यन्त्र  कैसे कार्य करती हैं


स्थायी चुम्बक , ध्रुव – खण्डों ( pole – pieces ) की सहायता से एक बेलनाकार चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करता है । चुम्बकीय क्षेत्र को एक समान ( uniform ) बनाने के लिए कुण्डली के मध्य में एक बेलनाकार नर्म लौह क्रोड इस प्रकार स्थापित की जाती है कि कुण्डली , चुम्बकीय क्षेत्र में लगभग 150⁰ तक घूम सके । जब बाल – कमानियों के द्वारा क्वायल में से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह स्वयं का एक चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करती है । एक ही स्थान पर कार्यरत दो चुम्बकीय क्षेत्रों की आपसी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप कुण्डली घूम जाती है । कुण्डली का घुमाव , उसमें से प्रवाहित विद्युत धारा के अनुक्रमानुपाती होता है अर्थात् कम विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसमें कम विक्षेप तथा अधिक विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अधिक विक्षेप पैदा होता है । कुण्डली से जुड़ा धुरा तथा संकेतक भी घूम जाता है । संकेतक के घुमाव को एक पूर्वांकित पैमाने पर एम्पियर्स / मिली एम्पियर्स के रूप में भी व्यक्त किया जाता है ।

 यन्त्र में प्रयोग की गई दो बाल – कमानियाँ , आवश्यक नियन्त्रक टॉर्क उत्पन्न करती हैं और कुण्डली का एल्युमीनियम ढाँचा , आवश्यक अवमन्दक टॉर्क उत्पन्न करता है । इस प्रकार , इस यन्त्र में एडी धारा अवमन्दक प्रणाली प्रयोग की जाती है । 


मूविंग क्वॉयल यन्त्र के गुण 


1. यह एक सुग्राही यन्त्र है । 

2. इस यन्त्र का आन्तरिक प्रतिरोध कम होता है , फलत : इसका विद्युत शक्ति व्यय भी कम होता है । 

3. यह उच्च दक्षता वाला यन्त्र है जो विद्युत धारा का यथार्थ मापन करता है । 

4. इस यन्त्र का पैमाना आनुपातिक होता है । 

5. इसकी माप सीमा बढ़ाई जा सकती है । 


 मूविंग क्वॉयल यन्त्र के अवगुण 


1. इस यन्त्र का उपयोग ए.सी. विद्युत धारा मापन के लिए नहीं किया जा सकता । 

2. इस यन्त्र का उपयोग सैकड़ों एम्पियर्स की विद्युत धारा मापन के लिए उपयुक्त नहीं होता । 

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