वैधुतिक मापक यन्त्र क्या है और कितने प्रकार के होते हैं | What is an electric measuring instrument and how many types are there in Hindi

वैधुतिक मापक यन्त्र क्या है


वैधुतिक मशीनों एवं उपकरणों के प्रचालन , अनुरक्षण तथा मरम्मत के लिए हमें विभिन्न प्रकार की वैद्युतिक राशियों के मापन की आवश्यकता होती है ; जैसे – वोल्टेज , धारा , आवृत्ति प्रतिरोध तथा पॉवर आदि । इन वैद्युतिक राशियों के मापन के लिए उपयोग किये जाने वाले यन्त्र , वैधुतिक मापक यन्त्र कहलाते हैं । ये मापक यन्त्र , विद्युत धारा के किसी न किसी प्रभाव के उपयोग पर आधारित होते हैं , जैसे 

1. स्थिर – वैद्युत प्रभाव ( Electro – static effect ) , 

2 वैद्यत – चुम्बकीय प्रभाव ( Electro – magnetic effeet ) 

3 वैद्युत – ऊष्मीय प्रभाव ( Electro – thermal effect ) 4. वैद्युत – रासायनिक प्रभाव ( Electro – chemical effect ) आदि । 


किसी वैद्युत प्रभाव से किसी वैद्युतिक राशि के मापन के लिए यन्त्र में जो युक्ति ( device ) प्रयोग की जाती है वह सैन्सर ‘ ( sensor ) कहलाती है


 वैद्युतिक मापक यन्त्रों को कितने प्रकार के होते हैं


वैद्युतिक मापक यन्त्रों को निम्न दो प्रमुख वर्गों में रखा जा सकता है 

1. प्राथमिक यन्त्र 

2 द्वितीयक यन्त्र 


प्राथमिक यन्त्र (Primary Instruments )


वह यन्त्र , जो किसी सूचक युक्ति के द्वारा किसी वैद्युतिक राशि की केवल उपस्थिति दर्शाता है , प्राथमिक यन्त्र कहलाता है । 

उदाहरण के लिए किसी विद्युत धारावाही चालक के निकट रखी ‘ चुम्बकीय सुई उस चालक में से विद्युत धारा प्रवाह की उपस्थिति दर्शाती है । इसी प्रकार टैन्जेन्ट गैल्वेनोमीटर , विद्युत धारा प्रवाह की उपस्थिति तथा दिशा दर्शाता है ।


 द्वितीयक यन्त्र (Secondary Instrument)


वह यन्त्र , जो किसी सूचक युक्ति ( जैसे संकेतक ) के द्वारा किसी पूर्वांकित पैमाने पर किसी वैद्युतिक राशि का मान दर्शाता है , द्वितीयक यन्त्र कहलाता है । द्वितीयक यन्त्र मुख्यतः निम्न तीन प्रकार के होते हैं 

1. सूचक या इन्डोकेटिंग यन्त्र

2 रिकॉर्डिंग यन्त्र  

3. इन्टीग्रेटिंग यन्त्र ।  


सूचक या इन्डीकेटिंग यन्त्र (Indicating Instrument )


वह यन्त्र , जो किसी वैद्युतिक राशि के तात्कालिक मान ( instantaneous value ) को एक संकेतक के द्वारा एक पूर्वाकित पैमाने पर दर्शाता है , इन्डीकेटिंग यन्त्र कहलाता है । जैसे – एम्पियर , वोल्टमीटर , ओहामीटर आदि ।


रिकॉर्डिंग यन्त्र (Recording Instrument )


वह यन्त्र , जो किसी वैद्युतिक राशि के तात्कालिक मान को एक सुई / पैन / पेन्सिल आदि के द्वारा एक ग्राफ पेपर पर अंकित करता जाता है , रिकॉर्डिंग यन्त्र कहलाता है । रिकॉर्डिंग यन्त्र के द्वारा , वैद्युतिक राशि के मान में एक समयान्तराल के अन्तर्गत होने वाले परिवर्तनों का पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जा सकता है । जैसे — रिकॉर्डिंग वोल्टमीटर , रिकॉर्डिंग पॉवर – फैक्टर मीटर आदि । 


इन्टीग्रेटिंग यन्त्र (Integrating Instrument )


वह यन्त्र , जो किसी वैद्युतिक राशि के प्रेक्षण काल के अन्तर्गत कुल मान को दर्शाता है , इन्टीग्रेटिंग यन्त्र कहलाता हैं ; जैसे- ‘ किलो वाट घण्टा ‘ मीटर । 


आजकल इन्डीकेटिंग यन्त्रों के स्थान पर डिजिटल यन्त्र ( digital instruments ) भी प्रयोग किये जाते हैं । इन यन्त्रों में किसी वैद्युतिक राशि का तात्कालिक मान दर्शाने के लिए LED अथवा LCD ( light emitting diode or liquid crystal display ) यूनिट प्रयोग की जाती है , जो सीधे ही अंकों ( digit ) में मापी गई वैद्युतिक राशि का मान दर्शाती है । इस प्रकार के यन्त्र , वास्तव में एक इलैक्ट्रॉनिक परिपथ होते हैं और प्राय : वोल्टेज , एम्पियर्स , ओह्म आदि राशियों के मापन के लिए बनाए जाते हैं । इन यन्त्रों को उपरोक्त वैद्युतिक मापक यन्त्रों की श्रेणी में नहीं रखा जाता ।


  व्यापारिक स्तर पर प्रयोग किए जाने वाले अधिकांश मापक यन्त्र , द्वितीयक यन्त्र होते हैं और इनके पैमाने का अंकन , प्राथमिक यन्त्र अथवा अन्य पूर्वाकित द्वितीयक यन्त्र की सहायता से किया जाता है ।

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