परमाणविक विद्युत शक्ति उत्पादन संयन्त्र क्या है | What is Atomic Electric Power Generation Plant

 परमाणविक विद्युत शक्ति उत्पादन संयन्त्र क्या है (Atomic Electric Power Generation Plant )

इस संयन्त्र मे जल वाष्प तैयार करने के लिए नाभिकीय रिएक्टर प्रयोग किया जाता है । जिसमें परमाणविक ईंधन प्रयुक्त होता है । यह एक ऐसा धन है जिसकी मात्रा ही विशाल मात्रा में ऊष्मीय ऊर्जा पैदा कर सकती है । इसमें परमाणविक ईंधन के विखण्डन से ऊष्मीय ऊर्जा पैदा होती है । ऊष्मीय ऊर्जा से वाष्प तैयार की जाती है और वाष्प दाब से वाष्प टरबाइन चलाई जाती है । वाष्प टरबाइन , आल्टरनेटर को यान्त्रिक शक्ति प्रदान करती है और अल्टरनेटर विद्युत शक्ति का उत्पादन करता है ।

Nuclear power plant diagram

Nuclear power plant diagram

 इस प्रकार के अल्टरनेटर अधिक क्षमता ( मैगा बोल्ट एम्पियर , MVA ) वाले होते हैं । भारत में इस प्रकार के संयन्त्र ट्रम्बे , तारापुर , नरौरा आदि स्थानों में स्थापित किए गए हैं । 

नाभिकीय संयन्त्र के भाग Parts of Nuclear Plant 

नाभिकीय शक्ति संयन्त्र नाभिकीय विखण्डन प्रक्रिया का प्रयोग करते हैं जिसमें उच्च परमाणु भार वाले तत्व के नाभिक निम्न परमाणु भार युक्त तत्त्वों में विखण्डित हो जाते हैं तथा बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा को छोड़ते हैं । एक नाभिकीय शक्ति संयन्त्र में निम्न अवयव होते हैं । 

( i ) नाभिकीय रिएक्टर क्या है ( Nuclear Reactor )

नाभिकीय रिएक्टर इस संयन्त्र का मुख्य भाग होता है जिसमें मुख्य चेन प्रतिक्रिया ( main chain reaction ) सम्पन्न होती है तथा इससे अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है । इस ऊर्जा का प्रयोग भाप उत्पन्न करने व टरबाइन को चलाने में करते हैं । इसके मुख्य अवयव ईंधन , मॉडरेटर , कण्ट्रोल रॉड , मेग्नॉक्स रिएक्टर एवं विभिन्न प्रकार के रिएक्टर होते हैं । इसका मुख्य कार्य मुक्त ऊष्मा का प्रयोग करना , अधिक मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा प्राप्त करना एवं अधिक ऊर्जा वाले न्यूट्रॉन प्रदान करना है । 

( i ) हीट एक्सचेंजर Heat Exchanger 

इसका प्रयोग पानी को भाप में परिवर्तित करने के लिए तब किया जाता है जब रिएक्टर में ऊष्मा उत्पन्न होती है ।

( iii ) भाप टरबाइन Steam Turbine 

भाप टरबाइन के घूमने के फलस्वरूप ही विद्युत उत्पन्न होती है । टरबाइन में प्राइम मूवर के घूमने के कारण भाप फैल जाती है जिससे टरबाइन घूमने लगती है ।

( iv ) जनित्र Generator 

टरबाइन से जनित्र एक शाफ्ट के द्वारा संयोजित रहता है जो टरबाइन के घूमने के फलस्वरूप विद्युत उत्पन्न करता है । 

( v ) कण्डेन्सर Condenser 

कण्डेन्सर का प्रयोग टरबाइन से बाहर निकलने वाली भाप को संग्रहित करने के लिए करते हैं । यह पानी को भाप के रूप में संग्रहित करता है जो हीट एक्सचेंजर में प्रवाहित होती है । 

नाभिकीय ईंधन क्या है (Nuclear Fuels )

नाभिकीय ईंधन के रूप में यूरेनियम एवं थोरियम मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है । थोरियम का 80 % भण्डार हमारे देश भारत में है । यूरेनियम के नाभिकीय विखण्डन के द्वारा प्लूटोनियम भी बनाया जाता है । इनको विखण्डित करने पर बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है । नाभिकीय शक्ति संयन्त्र में रिएक्टर में उत्पन्न वृहत् मात्रा में ऊर्जा को पानी से भाप बनाने में प्रयोग करते हैं जोकि भाप टरबाइन को चलाती है । इससे संयोजित जनित्र इसकौ यान्त्रिक ऊर्जा का प्रयोग करके विद्युत ऊर्जा को उत्पन्न करता है । 

आणविक नाभिक का संघटन Composition of an Atomic Nucleus 

यूरेनियम एवं प्लूटोनियम को नाभिकीय रिएक्टर में ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं । प्राकृतिक यूरेनियम में 99.23 %  होता है । यूरेनियम की एक सम्भव विखण्डन प्रक्रिया निम्न है 

यूरेनियम + 1 न्यूट्रॉन ⟶ लेनथानम  + ब्रोमाइन +3 मुक्त न्यूट्रॉन + 200 Mev मुक्त ऊर्जा 

लाभ Advantages . 

• अन्य समान आकार के शक्ति संयन्त्रों की तुलना में इसमें कम क्षेत्र की आवश्यकता होती है । 

• वृहत् मात्रा में शक्ति माँग को पूरा करने के लिए ये संयन्त्र अधिक उपयुक्त हैं । ये उच्च लोड गुणक ( 80 से 90 % ) पर अच्छी कार्यकुशलता प्रदर्शित करते हैं । 

• इनमें ईंधन परिवहन की लागत बच जाती है ।

• ये मौसमी स्थितियों से प्रभावित नहीं होते हैं । 

• ईंधन का पुनः प्रयोग किया जा सकता है । 

• इससे निम्न मूल्य पर शक्ति प्राप्त होती है । 

• इसका प्रचालन अधिक विश्वसनीय होता है । 

हानियाँ Disadvantages 

• इसकी आरम्भिक लागत बहुत अधिक होती है । 

• इनमें रेडियो धर्मिता का खतरा हमेशा बना रहता है , जो जीवों के लिए घातक होती है । 

• इस प्रकार के संयन्त्र परिवर्तनीय लोड दक्षता पर प्रचालित नहीं किए जा सकते हैं । 

• इसका अनुरक्षण मूल्य उच्च होता है । इनमें कचरा निस्तारण की समस्या एक बड़ी समस्या है । 

• यह कामगारों के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरा उत्पन्न करती है । 

• इसके प्रचालन के लिए कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है ।

FAQ

1.भारत में कुल कितने परमाणु केंद्र हैं?

Ans वर्तमान मे कुल 22 परमाणु ऊर्जा संयंत्र कार्यरत हैं जिनकी कुल क्षमता :6780 MWe है ।

2. भारत का प्रथम परमाणु ऊर्जा रिएक्टर कौन सा था?

Ans भारत ने परमाणु युग में 4 अगस्‍त, 1956 में उस समय प्रवेश किया जब देश के पहले परमाणु रिएक्‍टर ‘अप्‍सरा’ का शुभारंभ किया गया

3.भारत का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र कौन सा है?

Ans कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा केंद्र है, ( तिरुनेलवेली जिले )

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