घमंड और लालच का फल ghamand aur lalach ka fal

घमंड और लालच का फल

एक गांव में एक व्यक्ति घमांडी और लालची था । वह व्यक्ति किसी से काम पड़त तभी उसे याद कर रहे। वहां यह सोचता था कि मैं बहुत चली अमीर बन जाओ । एक बार वहां व्यक्ति गाय बकरी को चराने के लिए जंगल गया। और जंगल  जाते जाते हैं सोचते कि मैं कैसे अमीर बन पाऊंगा। यह सोचो सोचो उसे यह होश नहीं था कि मैं किस रास्ते से जा रहा हूं और इसी कारण वह अपना रास्ता जंगल में भूल जाता है। 


जंगल के बीच में एक व्यक्ति मिलता है वह व्यक्ति उससे यह पूछता है कि तुम जंगल रास्ता भूल गए हो क्या ? घमंडी व्यक्ति बोलता है अरे मैं कहां रास्ता भोला भूला हूं मुझे तो रास्ता अच्छे से पता है। व्यक्ति या सोचता है कि मैंने इसे बोलकर ही गलत किया है इतना घमंडी है कि अपनी गलती हमेशा नहीं मानता है। और वहां से यह चला जाता है

कुछ समय बाद जंगल में तूफान और बारिश आने लगती है वह अपनी गाय और बकरियों को एक गुफा में ले जाता है और वहां देखता है कि कई घोड़े वहां पर खड़े हुए हैं वह यह सोच है कि यह घोड़े को मैं अपने काबू कर लूं तो मैं घोड़ों को किराए से सभी को दे दूंगा जिससे मैं अच्छा अमीर बन जाऊंगा  । 

इस तरह वहां घोड़े को देखते रहता है जब तक कि तूफान थमता नहीं इसी बीच घोड़े को काबू करने के लिए अपनी गाय की बंदी हुई रस्सी खोलकर तैयार रहता है। और अपनी गाय बकरी की तरफ ध्यान बिल्कुल नहीं देता है और जैसे ही तूफान और बारिश बंद होती है तो वहां घोड़े को अपने काबू में करने की कोशिश करता है उसी बीच उस व्यक्ति की गाय और बकरी या वहां से चढ़ने के लिए चली जाती है और वह घोड़े को काबू करने की कोशिश करते रहता है और घोड़े  उसके काबू में नहीं आ पाते और घोड़े वहां से चला जाता है। व्यक्ति देखता है कि घोड़े के काबू करने के चक्कर में मेरे पास की गाय बकरी भी मेरे पास से चली गई है। 

व्यक्ति यह सोचता है कि मैं इतना घमंडी और लालची हो गया हूं कि मैं अपने पास की गाय बकरी देखने के बजाय घोड़े के काबू करने के चक्कर में ही गवा दी गई। और मुझे घर जाने का रास्ता भी नहीं पता है अब मैं क्या करूं?

कहानी से सीख :इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमें कभी भी घमंडी और लालची नहीं बनना चाहिए।


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