ईमेल क्या है और इसके फायदे और नुकसान?

 ई-मेल क्या है?

ई-मेल से तात्पर्य इलेक्ट्रानिक मेल से होता है, अर्थात् ऐसासिस्टम जो नेटवर्क पर मैसेज भेज सके या प्राप्त कर सके। ई-मेल की शुरूआत 1970 के लगभग ARPANET के साथ हुई थी और अब यह बिजनेस कम्युनीकेशन की एक मुख्य विधा है ।

बहुत से वेन्डर्स व आर्गेनाइजेशन्स ने इलेक्ट्रॉनिक मैसेरजिंगके लिये कुछ स्टेंडर्स व फारमेट्स बनाये हैं, जिसमें IBM मेनफ्रेम होस्टबेस्ड PROFS व SNADS, मेसेजिंग सिस्टम्स,माइक्रोसाफ्ट मेल, लोटस cc;Mail, व नोवल ग्रुपवाईज शामिल हैं। दो बहुत प्रसिद्ध मैसेजिंग फारमेट्स SMTP (सिम्पल मेल  ट्रांसफर प्रोटोकॉल)  व X.400 मेल सिस्टम्स्हैं, जो आज के सबसे प्रचलित फारमेट्स हैं।

X.400, प्रसिद्ध मैसेजिंग फारमेट्स है जो पूरे यूरोप में उपयोग किया जाता है, परंतु SMTP जो ARPANET प्रोजेक्ट के रूप में अमेरिका में विकसित हुआ था, को लगभग पूरी दुनिया में स्वीकार और उपयोग किया गया।

ईमेल क्या है और इसके फायदे और नुकसान?

इन्टरनेट PC के लिए हार्डवेयर की जरूरत 

एक इन्टरनेट के लिए एक पूर्ण PC के गुण इस बात पर निर्भर करते हैं कि हम इन्टरनेट के कौन से गुण उपयोग करना चाहते हैं। यदि हम इन्टरनेट मेल के लिए उपयोग करना चाहते हैं तो एक 386 आधारित PC और एक 14.4 Rbps मॉडम पर्याप्त है। यदि हम मल्टीमीडिया वेब पेज और उसकी सभी सुविधाओं का आनंद लेना चाहते हैं तो हमको और ज्यादा हार्स पावर और स्पीड की जरूरत होगी। इसके लिए किस प्रकार के हार्डवेयर की जरूरत होगी, उसकी लिस्ट दी जा रही है:

  • 1.एक  486 आधारित PC जिसमें विण्डोज 95 चलता हो याएक मैकिन्टोस रनिंग सिस्टम 7.0.1 या और नया जिसमें‌ 16MB RAM हो।
  • 2. एक मॉनिटर जो कि कम से कम 2.56 कलर दिखा सके।
  • 3. कम से कम 5OMB की फ्री डिस्क स्पेस चाहिए (जो किहमारे चाहे गए प्रोग्राम को रख सके और साथ ही उन अस्थायी‌ फाईलों को भी जो बाद में निर्मित होती हैं)।
  • 4. एक मल्टीमीडिया साउण्ड कार्ड और स्पीकर्स
  • 5. एक 28.8 मॉडेम या एक नेटवर्क कनेक्शन।

ई-मेल की कैसे काम करता है

इलेक्ट्रानिक मेल कैसे काम करता है, यह बहुत ही सरल विधि है। सबसे पहले हम अपना मैसेज टाहप करें। फिर प्राप्तकर्ता का ई-मेल पता लिखे और फिर सेन्ड बटप पर क्लिक करें। एक बार मेल एडेस करके भेज दिया जाता है, तो थह माडेम द्वारा एककोड होकर और फोन लाइन द्वारा एलाग सिम्वल (A1) में बचलवर सेंडर ।SP (A2]  मेल सर्वर तक भेजा जाता है ।

मेल इनरनेट के द्वारा भेजा जाता है । ASI । मेल प्राप्तकर्ताके प्रोवाइडर द्वारा प्राप्त लोता है । A4), और (AS)प्रवाइडर द्वार) अपने मेल सर्वर तक पहुँचाने के बाद प्राप्तकर्ता तक पहुँचाने के लिए उसके मेल मेल बॉक्स में रखा दिया जाता है यह वाह कब तक रहता है जब तक कि पर्याप्त नेट से पूरा कनेक्ट नहीं होता और अंत में प्राप्तकर्ता के मॉडल और कंप्यूटर डाटा को लेकर डीकोड करते हैं और फिर हम उसे (मेल मैसेज को)[ एसेवन] कर सकते हैं 

यह बहुत ही जरूरी है कि हम प्राप्तकताऀ का सही एड्रेस टाइप करें नॉर्मल पोस्टर डिलीवर सिस्टम में भी मैसेज को डिलीवर  होने के लिए उसका एड्रेस सही होना चाहिए यदि कंप्यूटर हमारे मेल को भेजने की कोशिश कर रहा हो और वह ईमेल एड्रेस को पहचान नहीं पाता है तब मैसेज दौरा वह स्वंत ही यह मार देता है कि हमारा मेल पहुंचा नहीं पाया है।

ई मेल कैसे करते हो?

वैसे Email का इस्तमाल text messages भेजने के लिए हुआ था. लेकिन आज के समय में हम Email के साथ कुछ files को attach कर भी भेज सकते हैं. उदाहरण के लिए हम email के साथ picture, PDF, word processor document, video, program या कोई दूसरा file भी भेज सकते हैं. लेकिन कुछ security issues के होने से केवल कुछ प्रकार के Files को ही भेजा जा सकता है. उदाहरण के तोर पर .exe files को कुछ companies block करते हैं. जिसके कारण आपको .exe file को भेजने के लिए उन्हें पहले .zip file में convert करना होगा कहीं तभी जाकर आप उन्हें e-mail के द्वारा भेज सकते हैं. वहीँ Emails में Files size के ऊपर restriction भी होता है. जैसे की Gmail में 25 Mb से ज्यादा बड़ी Files को भेज नहीं सकते हैं.

ई-मेल नेटीकेट्स

इन्टरनेट में सभ्यता को बहुत ही पापुलर शब्द “नेटीकेट” के नाम से जानते हैं अर्थात् आदर । अच्छा नेटीकेट यह सुनिश्चित करता है कि हम लोगों को सम्मान दे रहे हैं, जिन्हें हम जानते तक नहीं और नहीं कभी जान सर्केंगे, क्योंकि वह हमसे बहुत दूर है और हमसे आन लाइन जुड़े हुए हैं। यह बात तब खासकर महत्वपूर्ण हो जाती है जबकि इन्टरनेट इन्टरेक्टिव संचार के लिए बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करता है, जिसे हम अन्य पब्लिक फोरम पर कभी अनुभव नहीं कर सकते हैं। क्योंकि यह भौतिक दूरियाँ हमारी पहुँच को प्रभावित करती हैं व हमें हमारे परिचित समुदाय तक सीमित करती हैं।

ई-मेल लाईफ के नेटीकेट्स

  • (1) कभी भी अपने सब्जेक्ट हैडर को खाली न छोड़े ।
  • (2) मैसेज बॉडी में अपना ई-मेल एड्रेस शामिल करे।
  • (3) अपने मैसेजेस को छोटा और सार्थक ही लिखें।
  • (4) यदि प्राप्तकर्ता आपको जानता नहीं है तो अपने बारे मेंसंक्षिप्त में समझा दे।
  • (S) “Urgent” या ‘Priority” शब्द को आवश्यक हो तभीउपयोग करें।
  • (6) अपनी ग्रामर और स्पेलिंग का ध्यान रखें।
  • (7) अफबाहों से सावधान रहे। निंदापूर्ण वचन से बचे।
  • (8) अपर केस शब्दों का उपयोग बहुत कम करें।
  • (9) যदि आप मैसेज की पोस्टिंग एक पब्लिक बुलेटिन बोर्ड,फोरम या न्यूज ग्लुप पर करना चाहते हैं तो टॉपिक केविलकुल नववीक रो।
  • (10) यदि आप बहुत बड़ी फाइल को अटैचमेंट के रूप में भेजना चाहते हैं तो कुछ कन्फेस का प्रयोग करें जैसे pkzip का प्रयोग फाइल भेजने से पहले करें
  • (11) किसी को इंसल्ट करने की कोशिश ना करें
  • (12) व्यक्तिगत में से कसी एक को ही भेजें न कि संपूर्ण लिस्ट को

ई-मेल के फायदे

  •  (1) मैसेज भेजने का यह सबसे सस्ता साधन है।
  • (2) मैसेज भेजने का यह सबसे तेज तरीका है।
  • (3) लोकेशन मालूम नहीं होने पर भी हम कही भी मैसेवसकते हैं।
  • (4) যह 24 घटे एक्सेसिंग प्रदान करता है।
  • (S) यह असीमित मात्रा में डेटा और सूचना प्रदान करता है।
  •  (6) इससे ग्लोबल कम्पुनिकेशन आसान व तीव्र होता है।
  • (7) एक ही मैसेज कितने भी यूजर को भेज सकते हैं।

ई-मेल के नुकसान

  • (1) मैसेज भेजने का सुरक्षित तरीका नहीं है।
  • (2) यह प्राईवेसी प्रदान नहीं करता।
  • (3) यह जंकमेल द्वारा सूचना ओवरलोडिंग देता है।
  • (4) ई-मेल के साथ काम करने के लिए आपको इलेक्ट्रानिकटेक्नॉलॉजी का ज्ञान आवश्यक है।

हमें उम्मीद है कि आपको मेरा article जरूर पसंद आया होगा! ईमेल क्या है और इसके फायदे और नुकसान?मैं हमेशा यह कोशिश करता हूं कि रीडर को इस विषय के बारे में पूरी जानकारी मिल सके ताकि वह दूसरी साइड और इंटरनेट के दूसरे article पर जाने की कोशिश ही ना पड़े। एक ही जगह पूरी जानकारी मिल सके।

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