HTML और HTTP क्या है?
हाईपरटेक्स्ट मार्कअप लॅंगवेज (HTML):
एक फॉरमेटिंग या मार्कअप लेंग्बेज का उपयोग वर्ल्ड वाइड बेब (www) के लिए डाक्यूमेन्ट बनाने के लिए किया जाता है हाइपरटेक्स्ट मार्कअपलेब्वेज (HTML) अपने सबसे सरल रूप में टेग का उपयोग करती है। यह आस्की टेक्स्ट डाक्यूमेंट के रूप में होते हैं तथा इनको बोल्डफेस, इटालिक, बुलेटेड, हाइपरलिंक्ड, सेंटर्ड इत्यादि द्वारा दर्शाया जाता है। यह टेग सामान्यतया जोड़े में हो सकते हैं, नेस्टेड हो सकते हैं और अतिरिक्त एट्रीब्यूट्स को भी रख सकते हैं इनका उपयोग टेक्स्ट को “मार्क अप ” करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए टेक्स्ट NITIN” को <STRONG> टेग के द्वारा मार्क करके बेब ब्राउजर से बोल्ड फेस में डिस्प्ले करा सकते हैं (इसका मतलब है।”turn ON the bold style”) 1 3 </STRONG”> 2 द्वारा बोल्ड स्टाइल को बंद करा सकते हैं (इसका मतलब “turn OFF the bold style” है)। परिणामस्वरूप यह हमें इस प्रकार दिखेगा :
<STRONG> NITIN</STRONG>
HTML पेज को हम एक फाइल की तरह htm या .html एक्सटेंशन से उपयुक्त डायरेक्टरी में बेब सरवर पर जैसे माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट इनफॉरमेशन सर्विसेस (IS) में सुरक्षित (सेव) कर सकते हैं। जब एक वेब ब्राउज़र जैसे माइक्रोसाफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर एक वेब सरबर से HTML पेज डाउनलोड (कॉपी) करता है तब बह इसे (टेग को) इंटरप्रिंट करता है और उपयुक्त फारमेट सहित डाक्यूमेंट को दिखाता है।
HTML 1990 में आया और तब से इसके कई वरजन आ चुके हैं। यह लिखे जाने तक इसका सबसे ताजा बरजन HTML 4 है ओरिजिनल HTML, डाक्यूमेंट के फॉरमेट पर कैसे अच्छे से अच्छा कंट्रोल किया जाए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं देती थी। जैसे किस प्रकार ऑब्जेक्ट्स, टेक्स्ट और ग्राफिक्स को एक पेज पर प्रदर्शित किया जाए। इसके ओरिजिनल टेग का समूह बहुत सीमित समय के लिए था और इसका उद्देश्य शुरूआत में सिर्फ डाक्यूमेंट को लिंक करके हाइपरलिंक द्वारा हाइपरटेक्स्ट के रूप में बनाना था। जैसे ही वेब प्रचलित होने लगा, सबसे पहले नेटस्केप और फिर उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने खुद के HTML टेग डाक्यूमेंट फार्मेटिंग पर अच्छे नियंत्रण के साथ वेब डेवलेपर्स को उपलब्ध कराए। इसके बढ़ते चरण के कारण वर्ल्ड वाइड वेब कन्सोर्टियम (W3C) ने HTML के स्टेण्डर्ड बनाए। HTML 4 में इन स्टेण्डर्ड को शामिल किया गया, जिससे केस्केडिंग स्टाइल शीट बनाई जा सके। यह शीट वेब पेज पर ऑब्जेक्टसू की जगह निर्धारित करने के लिये सशक्त फारमेटिंग क्षमताएँ प्रदान करती है।
हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP)
यह एक स्टेण्डर्ड इंटरनेट प्रोटोकॉल है जो कि वेब ब्राउजर जैस माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्स्प्लोरर और वेब सरवर जैसे माइक्रोसाफ्ट इंटरनेट इनफॉरमेशन सर्विसेस (IIS) के बीच क्लाइंट/सरवर इंटरेक्शन प्रोसेस (आदान-प्रदान की प्रक्रिया) को स्पेशिफाय (वर्णित) करता है।
वास्तविक हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल 1.0 एक स्टेटलेस (अवस्था रहित) प्रोटोकॉल है। इसके द्वारा वेब ब्राउज़र वेब सरवर से कनेक्शन (जुड़ता) करता है व उपयुक्त फाइल को डाउनलोड करता है और फिर कनेक्शन खत्म करता है। ब्राउजर सामान्यतया HTTP के उपयोग के लिए एक फाइल की रिक्वेस्ट करता है। GET मेथड TCP पोर्ट 80 पर रिक्वेस्ट करती है, यह HTTP रिक्वेस्ट हेडर की सीरीज़ को रखती है, जो ट्रांजेक्शन मेथड (GET, POST, HEAD इत्यादि) को डिजाइन क है और साथ ही सरवर को क्लाईट की क्षमता को दर्शाती सरवर HTTP रिस्पांस हेडर की सीरीज़ को चैक करता है और यह दर्शाता है कि ट्रांजेशन सफल रहा है कि नहीं, किस प्रकार का डेटा भेजा गया है, संरवर का प्रकार और अंत में जो डेटा मागा गया था इत्यादि
IIS 4 प्रोटोकॉल के उस नए वरसर को सपोर्ट करता है जिसे HTTP 1.1 कहा गया उसमें नए गुण के कारण वह ज्यादा सक्षम है
हमें उम्मीद है कि आपको मेरा article जरूर पसंद आया होगा!HTML और HTTP क्या है? मैं हमेशा यह कोशिश करता हूं कि रीडर को इस विषय के बारे में पूरी जानकारी मिल सके ताकि वह दूसरी साइड और इंटरनेट के दूसरे article पर जाने की कोशिश ही ना पड़े। एक ही जगह पूरी जानकारी मिल सके।
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