विद्युत मोटर क्या है
वैद्युतिक ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन, मोटर कहलाती है। डी.सी. मोटर्स के प्रचालन हेतु उसके आमेचर एवं क्षेत्र वेष्ठनों को डी.सी. आपूर्ति करनी पड़ती है । इसके विपरीत ए.सी. मोटर्स में केवल क्षेत्र वेष्ठनों को आपूर्ति प्रदान करना ही पर्याप्त होता है और आमेचर अर्थात् रोटर में प्रेरण क्रिया के द्वारा क्षेत्र वेष्ठनों से विद्युत वाहक बल प्रेरित हो जाता है । इसीलिए ए.सी. मोटर्स को प्रेरण मोटर भी कहा जाता है
विद्युत मोटर कितने प्रकार के होते हैं
ये तीन प्रकार की मोटरों का प्रयोग किया जाता है
1. डी.सी. मोटर 2. ए.सी. मोटर 3. स्पेशल मोटर
डी.सी. मोटर क्या है
डी.सी. सप्लाई से यान्त्रिक ऊर्जा पैदा करने वाले मशीन डी.सी. मोटर कहते हैं
डी.सी. मोटर किस सिद्धान्त पर कार्य करते हैं
डी. सी. मोटर, विघुत-चुम्बकीय खिंचाव के सिद्धान्त पर कार्य करती है। इस सिद्धान्त के अनुसार,”किसी चुम्बकीय क्षेत्र में अवस्थित विद्युत धारावाही चालक अपना स्वयं का एक चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करता है और एक ही स्थान पर कार्यरत इन दो चुम्बकीय क्षेत्रों की पारस्परिक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप चालक में एक घुमाव बल (torque) पैदा हो जाता है।
डी.सी. मोटर्स कितने प्रकार के होते हैं
डी.सी. मोटर्स मुख्यत : निम्न तीन प्रकार की होती हैं
- सीरीज मोटर ( Series motor ) ,
- शंट मोटर ( Shunt motor )
- कम्पाउण्ड मोटर ( Compound motor )
( i ) क्यूम्युलेटिव कम्पाउण्ड मोटर
- लाँग शंट
- शॉर्ट शंट
( ii ) डिफरैन्शियल कम्पाउण्ड मोटर
- लाँग शंट
- शॉर्ट शंट
1. सीरीज मोटर
सीरीज मोटर में फील्ड वाइंडिंग आर्मेचर के श्रेणी क्रम संयोजित होती है इसे मोटर में पूरी आर्मेचर धारा फील्ड वाइंडिंग में से होकर प्रभावित होती है अऊ वह मोटे तार तथा कम लपेटों वाली बनाई जाती है सीरीज मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क बहुत अधिक होता हे कुछ मोटर में तो यहां फुल लोड टॉर्क का पांच गुना तक होता है
2 शंट मोटर
शंट मोटर में फील्ड वाइंडिंग ,आर्मेचर तथा सप्लाई सूत्र के समांतर क्रम में संयोजित होती है अतः फील्ड करंट और परिणामत फ्लक्स का मान लगभग स्थिर रहता है शंट मोटर की फील्ड वाइंडिंग पतले तार तथा अधिक लपेटों वाली बनाई जाती है शंट मोटर को लोड रहीत अवस्था में चलाया जा सकता है इस अवस्था में मोटर को केवल इतना ही टॉर्क की आवश्यकता होती है जितने कि उसकी आंतक शक्ति आदि की पूर्ति के लिए आवश्यक हो
3. कम्पाउण्ड मोटर
जिस डीसी मोटर में दो प्रकाश प्रकार की फील्ड वाइंडिंग अर्थात स्वीट सीरीज तथा सेंड फील्ड वाइंडिंग वर्क की जाती है वह कंपन मोटर के लाती है कंपाउंड मोटर कहते हैं एक डीसी कंपाउंड मोटर को मोटर अर्थात जरनेटर की भांति प्रयोग किया जाता है यह दो प्रकार की होती है
क्यूम्युलेटिव कम्पाउण्ड मोटर
जब किसी कंपाउंड मोटर की सीरीज तथा शंट फील्ड वाइंडिंग को इस प्रकार संयोजित किया जाता है कि उसके द्वारा पैदा की गई चुंबकीय क्षेत्र एक दूसरे के साथ संयोजक करने वाला हो तो वह क्यूम्युलेटिव कंपाउंड मोटर कहते हैं
डिफरैन्शियल कम्पाउण्ड मोटर
जब किसी कंपाउंड मोटर की सीरीज कथा सेंड फील्ड वाइंडिंग इस प्रकार संयोजित की जाती है कि उनके द्वारा पैदा की गई चुंबकीय क्षेत्र एक दूसरे के विपरीत कार्य करने वाला हो तो वहां डिफरैन्शियल कम्पाउण्ड मोटर कहलाती है
ए.सी. मोटर क्या है
ए.सी. मोटर के रोटर में , स्टेटर के द्वारा ट्रांसफॉर्मेशन क्रिया अर्थात् इण्डक्शन के द्वारा वि.वा.ब. पैदा होता है , इसलिए ए.सी. मोटर को इण्डक्शन मोटर कहते हैं । दूसरे शब्दों में , इण्डक्शन सिद्धान्त पर आधारित होने के कारण ए.सी. मोटर को इण्डक्शन मोटर कहते हैं ।
ए.सी. मोटर्स मुख्यत : दो प्रकार की होती हैं
1. इण्डक्शन मोटर
2. तुल्यकालिक मोटर ।
ए.सी. मोटर्स का वर्गीकरण Classification of A.C. Motors
ए.सी. मोटर्स को निम्न दो प्रमुख वर्गों में वर्गीकृत किया गया है
इण्डक्शन अथवा अतुल्यकालिक मोटर Induction or Non – Synchronous Motor
ए.सी. स्रोत की फेज संख्या के आधार पर इन्हें निम्न दो वर्गों में रखा गया है ।
( i ) 3 – फेज इण्डक्शन मोटर
( a ) स्क्विरल केज इण्डक्शन मोटर
• सिंगल केज रोटर प्रकार
• डबल केज रोटर प्रकार
( b ) स्लिप – रिंग इण्डक्शन मोटर
( c ) कम्यूटेटर मोटर
( ii ) सिंगल – फेज इण्डक्शन मोटर
( a ) स्प्लिट – फेज इण्डक्शन मोटर
( b ) कैपेसिटर इण्डक्शन मोटर
• कैपेसिटर – स्टार्ट मोटर
• स्थायी कैपेसिटर मोटर
• कैपेसिटर – स्टार्ट कैपेसिटर – रन मोटर
( c ) शेडेड पोल मोटर ( Shaded Pole Motor )
( d ) यूनिवर्सल मोटर ( Universal Motor )
( e ) रिपल्शन मोटर ( Repulsion Motor ) .
• सामान्य रिपल्शन मोटर
• कम्पेन्सेटेड रिपल्शन मोटर
• रिपल्शन – स्टार्ट इण्डक्शन – रन मोटर
• रिपल्शन – इण्डक्शन मोटर
( iii ) सिंगल – फेज स्लिप – रिंग इण्डक्शन मोटर
तुल्यकालिक मोटर Synchronous Motor
( i ) सामान्य तुल्यकालिक मोटर
( ii ) ऑटो तुल्यकालिक मोटर
स्पेशल मोटर कितने प्रकार के होते हैं
1. Stepper motor(स्टेपर मोटर)
2. Servo Motor(सर्वो मोटर)
3. Brush less DC Motor(ब्रुशलेस डीसी मोटर)