Algebra Formula, Types, Expressions, Identities and Operations | बीजगणित सूत्र, प्रकार, व्यंजक, सर्वसमिकाएँ और संक्रियाएं

बीजगणित (Algebra)

बीजगणितीय तादात्म्य, सरल रेखाओं का ग्राफीय निरूपण

” railway ,ssc bank, के नवीनतम पाठ्यक्रम में शामिल इस अध्याय से पूछे गए प्रश्नों की प्रचुरता रहती है। प्रश्न बीजगणितीय समानता एवं सर्वसमिका के मौलिक सिद्धातों पर आधारित होते हैं। प्रश्नों को प्रयास एवं स्पष्ट समझ से ही हल किया जा  सकता है”

बहुपद (Polynomial

वास्तविक संख्याएँ हैं,a, ≠ 0 एवं n एक ऋणेतर पूर्णाक है; वास्तविक संख्याओं पर चर (Variable) x में बहुपद कहा जाता है। वास्तविक संख्याओं पर चर को बहुपदका गुणांक कहा जाता है।

उदाहरणार्थ : 7x³-5x + 3 पूर्णाकों पर बहुपद है।

3/4*x³-4/5*x²+3x-5 परिमेय संख्याओं पर बहुपद है।

साधारणत: बहुपद को, या तो x के घातों के आरोही (Ascending) क्रम में, या x के घातों के अवरोही (Descending) क्रम में लिखा जाता है।

दो बहुपदों का योग एवं अंतर

दो बहुपदों का योग चिह्नों सहित सदृश घातों को एकत्रित कर, एवं गुणांकों को जोड़कर ज्ञात किया जाता है। घटाने की सक्रिया भी, योग की सक्रिया की तरह है। केवल घटाये जाने वाले बहुपद के चिह्नों को बदलकर, फिर योग कर दिया जाता है।

दो बहुपदों का गुणनफल

दो बहुपदों का गुणनफल ज्ञात करने के लिए बीजीय व्यंजकों के गुणनफल से संबद्ध बंटन (Disanbutive) नियम पहले लागू किया जाता है एवं तब जोड़ने या घटाने के लिए समान धातों वाले पदों का समूहन किया जाता है। फिर भी सुविधा के लिए, यह विधि प्राय: निम्नलिखित रूप में लागू की जाती है।

शेषकल प्रमेय (Remainder theorem)

यदि एक बहुपद को जिसका घाट एक से अधिक हो द्भिपद(x-a) से भाग दिया जाये एवं शेषफल ज्ञात करना हो, तो लागू किए बिना ही शेषफल ज्ञात किया जा सकता है।

मान लिया कि p(x) एक बहुपद है जिसका घात 1 बराबर या उससे अधिक एवं एक वास्तविक संख्या है। यदि p(x). (x-a)से विभाजित किया जाये तो शेषफल p(a) के बराबर होता है।

टिप्पणी । (क) यदि भाजक x+a हो, तो शेषफल p(-a) होगा।

(ब) यदि भाजक x-a हो, तो शेषफत p(a) होगा।

(ग) यदि भाजक ax-b हो, तो शेषफल P(b/a) होगा

(घ) यदि भाजक ax+bहो, तो शेषफल p(-b/a) होगा।

गुणनखण्ड प्रमेय (Factor Theorem)

मान लीजिए कि p(x), धात n> 0 का एक बहुपद है। यदि वास्तविक सख्या के लिए p)a) = 0 हो, तो (x-a).p(x) का एक गुणनखण्ड होता है। विलोमत: यदि (x-a).p(x) का एक गुणनखण्ड है तो p(a) = 0 होगा।

उदाहरण : जाँच कीजिए कि ज्या (x – 3). p (x) = x³-3x²+4x-12 का गुणनखण्ड है?

हल : p(3)= 3³-3×3²+4×3-12=27-27-12-12 = 0

चूंकि p(3) = 0. अत: गुणनखण्ड प्रमेय से (x -3).p(x) का एक गुणनखण्ड है।

द्विघाती बहुपद का गुणनखण्ड करना

बहुपद का गुणनखण्ड ज्ञात करने की कुछ विशेष दशाओं को छोड़कर, कोई व्यापक विधि नहीं है। हम द्विघाती बहुपद का रैखिक गुणनखण्ड ज्ञात करने की कुछ सामान्य विधियों की चर्चा करेंगे।

बहुपदों के महत्तम समापवर्तक एवं लघुत्तम समापवयं(H.C.F & L.C.M of Polynomials)

महत्तम समापवर्तक : 

दो बहुपदों p (x) एवं q(x) का महत्तम समापवर्तक वह सार्वभाजक होता है जिसका सभी सार्वभाजकों में अधिकतम घात हो और जिसके अधिकतम पात वाले पद का गुणांक धनात्मक हो. 

उदाहरण ! (x+4) ²(x-3)³ एवं (x-1) (a+4) (x -3)² का महत्तम समापवर्तक क्या है?

हल : p (x) = (x+4) ²(x-3)³ 

q(x) = (x-1) (a+4) (x -3)²

हम देखते हैं कि (x +4)(x-3)² एक ऐस बहुपद है जो एक सार्वभाजक है और जिसका सभी सार्यभाजकों में अधिकतम घात है। अत: म.स. (x +4)(x-3)²

लघुत्तम समापवयं 

दो बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य निम्नतम घात वाला बहुपद होता है, जिसके मात्रक p (x) और q(x) दोनों होते हैं जिसके अधिकतम धात बाले पद की गुणांक का चिह्न वही होता है जो कि गुणनफल P (x).q (x) के अधिकतम घात वाले पद के गुणांक का चिह्न है।

उदाहरण : (x- 1) (x + 2) ²और (x -1)³(x + 2) का लघुत्तम समापवयं ज्ञात करें।

हल : p(x) = (x- 1) (x + 2)²

q (x) = (x -1)³(x + 2)

हम p (x) और q(x) के प्रत्येक गुणनखण्ड को लेकर एक बहुपद बना लेते हैं और यदि कोई गुणनखण्ड दोनों में सर्वनिष्ठ हो तो हम उस गुणनखण्ड को लेते हैं जिसका p (४). q(x) में अधिकतम घात हो।

… लघुत्तम समापवत्यं – (x -1)³(x + 2)²

बीजगणितीय तादात्म्य (ALGEBRAIC IDENTITIES

बीजगणितीय तादात्म्य एक बीजगणितीय समीकरण है जो ‘संगत चर के सभी मानों के लिए सत्य होता है।

An algebraic identity is an algebraic equation which is true For all values of the variable (s).

Formula of Algebra/बीजगणित का सूत्र

  • a²-b²=(a-b)(a+b)
  • (a+b)²=a²+b²+2ab
  • (a-b)²=a²+b²-2ab
  • a²+b²=(a+b)²-2ab
  • a²+b²=(a-b)²-2ab
  • (a+b)³=a³+b³+3ab(a+b)
  • (a-b)³= a³+b³-3ab(a-b)
  • a³+b³=(a+b)³-3ab(a+b)
  • a³+b³= (a-b)³+3ab(a-b)
  • a³-b³=(a-b)(a²+ab+b²)
  • a³+b³=(a+b)(a²-ab+b²)
  • (a+b+c)³=a³+b³+c³+2(ab+bc+ca)
  • (a+b-c)³=a³+b³+c³+2(ab-bc-ca)
  • (a-b-c)³=a³+b³+c³+2(-ab+bc-ca)
  • (a-b)²=(a+b)²-4ab
  • a³+b³+c³-3abc=(a+b+c)(a²+b²+c²-ab-bc-ca)
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