प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है और कितने प्रकार के होते हैं? | What is an operating system and how does it work?

प्रोग्रामिंग लेंग्वेज क्या है

यदि हम किसी व्यक्ति से कोई कार्य करवाना चाहते है।

तब हमें उसे निर्देशित करने के लिये किसी लेंग्वेज (भाषा) का उपयोग करना पड़ेगा । इसी तरह कम्यूटर से कार्य को क्रियान्वित करवाने के लिये भी किसी विशेष लैंग्वेज का उपयोग करना होगा ।

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कितने प्रकार के होते हैं?

कम्प्यूटर पर आधारित इन लैंग्वेज को निम्नलिखित तर किया गया है

(1) लो-लेवल  लेंग्वेज क्या है

जिस लेंबेज में प्रत्येक कथन सीधेक्षमशीव कोड में परिवर्तित हो सते, तसे लो-लेवत लेंग्वेज कहते है । मशीन व असोमबली लेंबेज इसकेउदाहरण है ।

(a) মशीन लेंग्वेज क्या है

जो लैंग्वेज अपने समस्त ऑँपरेशन कोइस के लिये सिर्फ 0) व । चिन्हों का उपयोग करती है, मशीन लैंग्वेज कहलाती है । মशीन लैंग्वेज उपयोग में मूजर ने लिये कठिन होती है पर क्रियान्वयन में तीव्र होती है।

(b) असेम्बली लैंग्वेज क्या है

प्रोग्रामिंग के लिये चिन्ह 0 ब 1 का उपयोग बहन कठिन था। इस समस्या के समाधान के लिये एक आमान एल्फान्यूमेरिक चिन्हों (जैसे ADD, SUM, MOV, INR इत्यादि) पर आधारित लेंखेज का विकास किया गया जिसे असेम्बली लेंग्बेज कहा गया। इन चिन्हों को निर्मोनिकस कहते है। असेम्बली लेंग्वेज विशेष मशीन के लिये विशेष होती है।

(2) हाई-लेवल लेंग्वेज क्या है

मशीन व ऐसेम्बली लेंग्बेज के साथ सबसे मूख्य समस्या यह थी कि वह कम्प्यूटर की संरचना से बहुत अधिक नजटीक थी (अर्थात् मशीन पर निर्भर)। इसके कारण प्रोग्रामर को इन्स्ट्रक्शन सेट, आर्किटेक्छ व पेरीफेरल का पोर्ट से- कनेक्शन संबंधित ज्ञान आवश्यक होता था।

हाई लेवल लेंग्वेज इन सभी समस्याओं के समाधान के लिये बनायी गयी यह अंग्रेजी व गणित से बहुत मिलती जुलती है हाय-लेवल लेंग्वेज के उदाहरण है – BASIC,PASCAL, FORTRAN, COBOL, ALGOL, C. C++,C#, PROLOG, LISP, SNOBOL इत्यादि लेंग्बेज को इस प्रकार से-विभाजित करते हैं :

(a) प्रोसीजर- ओरीएन्टेड लेंग्वेज :

सभी जनरल परपस प्रोग्रामिंग लेंग्वेजस् जोकि‌ अनेक तरह के प्राब्लम्म को हल कर सके, प्रोसीजर ओरीएन्टेड लेंखबेज कहलाती हैं इन्हें तृतीय पीढ़ी की लेखेयर भी कहते हैं।

(b) प्रॉबलम ओरीएन्टेड लेंग्वेज :

चौथी पीढ़ी की लेंग्वेज इस तरह से बनायी गयी की बह

किसी विशेष समस्या को हल कर सके या फिर किसी विशेष

ए्तिकेशन का निर्माण जिसके द्वारा हम जो चाहते हैं उसे पूर्ण कर सके ना कि उस कार्य के लिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसीजर लिखें।

(C)नेचुरल / AI लैंग्वेज

नेचुरल लैंग्वेज अभी भी विकास की अवस्था में है आटिफिशियल इंटेलीजेंस शब्द का जान मेककाथी ने सर्वप्रथम सत्तर के दशक में उपयोग किया एआई को इस तरह से परिभाषित कर सकते हैं मानव की बुद्धि का प्रयोग मशीन पर इस प्रकार हो सके जिससे किसी समर्थ को हल करने के लिए कंप्यूटर को इतना सक्षम बनाया जा सके कि वह नॉलेज का सही भाग सके ऐसे सिस्टम जो सही समय पर सही कार का प्लान व क्रियान्वयन कर सके उसे इंटेलीजेंट कहते हैं अतः एआई वास्तव में ऐसा कंप्यूटिंग मॉडल है जो कि मानव के समान व्यवहार करता है।


तकनीकी दृष्टि से कम्प्यूटर को कितनी पीढ़ियों में बाँटा गया है?

(अ) प्रथम पीढी की लेंग्वेज (1940-50) [मशीन लेंग्वज]:

(1) इस पीढ़ी की लेंग्वेज को मशीन या लो लेवल लेंग्वेज कहते हैं।
(2) यह लेंग्वेज मशीन विशेष पर निर्भर करती थी।
3) यह ऐसी पहली प्रोग्रामिंग लेंग्वेज थी, जिसमें बायनरी कोड 0 व 1 का उपयोग किया गया।
(4) इन लेंग्वेज में बहुत ही तकनीकी व विशेषज्ञ व्यक्ति ही कार्य कर सकते थे।
(5) साधारण यूजर (उपयोगकर्ता) का इन लेंग्वेज में कार्य करना बहुत मुश्किल था।
(6) इन्हें सीखना बहुत कठिन था
(7) इन्हें लिखना, पढ़ना व इनकी त्रुटियाँ ढूँढना बहुत कठिन कार्य होता था ।
(৪) प्रोग्रामर के समय के रूप में ये बहुत ही महँंगी लेंग्वेंज धीं। बहुत कठिन था।

(ब) द्वितीय पीद़ी की लेंग्बेज (1950-1960) [ऐसेम्बली लेंग्बेज]:

(1) ये लेंग्वेज 0, 1 व कुछ विशेष चिन्ह जिन्हें निमोनिक कहते हैं (जैसे-ADD, SUB, LOAD, SUM इत्यादि) का उपयोग करती हैं । इसलिये इन्हें सिम्बॉलिक लेंग्वेज कहते हैं।


(2) ये लेंग्वेज विशेष मशीन व विशेष माइक्रोप्रोसेसर
(सी. पी.यू.) को आधार मानकर बनायी जाती हैं। जैसे-
(i) INTEL (IBM) माइक्रोप्रोसेसर के लिये विशेष ऐसेम्बली लेंग्बेज।

(ii) MOTOROLA (APPLE) माइक्रोप्रोसेसर के लिये विशेष ऐसेम्बली लेंग्बेज।


(3) एक लेंग्वेज ट्रांसलेटर (बदलने वाला) जोकि ऐसेम्बलर कहलाता है, यह ऐसेम्बली लेंग्वेज प्रोग्राम को मशीन लेंग्वेज में बदलने के लिये जरूरी होता है।

(4) इस लेंगवेज में प्रोग्रामर को प्रोग्रामिंग के लिए, किसी  विशेष के कंप्यूटर के लिये बहुत आसानी व कंट्रोल होता है किंतु यहाँ पर कोई विशेषज्ञ व्यक्ति ही प्रोग्रामिंन का सकता है।


(5) न्यूमेरिक (नम्बर) कोड की जगह पर ऐल्फाबेट्स के  उपयोग से उन्हें याद रखना आसान हो गया। फिर भी साधारण यूजर के लिये यह बहुत कठिन होती है


(6) इसे सीखना बहुत कठिन था।


(7) इसे लिखना, पढ़ना व इसमें त्रुटियाँ ढूँढना कठिन था।
(৪) इसकी कीमत (प्रोग्रामर के समय के रूप में) बहुत न्या
(9) यह सिस्टम सॉफ्टवेयर में भी उपयोग की जातौ है।
(10) इसे आज भी कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग विधि के रूप में मशीज आधारित लंगवेज में उपयोग किया जाता है।

(स) तृतीय पीढ़ी की लेंगवेज (1960-1970)
[हाई लेवल लेंगवेज]

(1) यह इंग्लिश के समान लेंगवेज है व इसमें बायनरी सिस्टाम का उपयोग नहीं होता है।
(2) यह एक पोर्टेबल (अर्थात् मशीन पर निर्भर नहीं रहने वाली लेंगबेज है।
(3) यहाँ पर लेंगवेज ट्रांसलेटर के रूप में इन्टरप्रिंटर या कम्पाईलर का उपयोग किया जाता है।
4) यह सामान्यतः पेशेवर प्रोग्रामर के द्वारा उपयोग की
जाती है।
(5) अभी भी इसे साधारण यूजर को उपयोग करने में कुछ समस्या थी।
(6) इसे सीखना कठिन होता है।
(7) इसे पढ्ना, लिखना व इसमें त्रुटियाँढूँढना कठिन होता है।
(8) इन लेंगवेजों को बैच प्रक्रिया के द्वारा बनाया जाता है।
(9) ये सभी सामान्यतः प्रोसीजर लेंग्बेज होती हैं।

(10) उदाहरण BASIC, ALGOL, COBOL, FORTRAN. PASCAL, POL, BCPL, B.CIRI

(द) चौथी पीढ़ी की लेंगवेज ( 1970-|980)
[परिष्कृत हाई लेवल लेगवेज)

(1) तीसतरी पीढ़ी की लेंगवेज की तुलना में इनमे बहुत अधिक सुधार घा।
(2) ये भी मशीन से स्वतंत्र लेंगवे न हैं।
(3) इनमें लेंगवेज ट्रांसलेटर जैसे इन्टरप्रिंटर वा कम्पाईलर का उपयोग किया जाता है।
(4) यह भी सामान्यतः पेशेवर प्रोग्रामर के द्वारा उपयोग की जाती है।
(5) साधारण यूजर इसको आसानी से उयोग कर सकते हैं।
(6) इसे सीखना आसान होता है।
(7) इसे लिखना पढ़ना व इसमें त्रुटियाँ ढूँवना अधिक
आसान होता है।
(৪) इन लेंगवेजों का उपयोग ऑनलाईन डेवलपमेंट (प्रोग्राम बनाना) में किया जाता है।
(9) ये सामान्यतः नानप्रोसीजर लेंगवेज होती है।
(10) ये सामान्यतः डेटाबेस पर आधारित होती है ।
( 11) इन लेंगवेजों में कुछ विशेष गुण शामिल किये हैं
जैसे- क्यूरी लेंगवेज, रिपोर्ट जनरेटरसग, OPP लेंगेज,
पेरेलल प्रोसेसिंग लेंगवेज, एप्लीकेशन जनरेटर।
(12) उदाहरण – C++, KLI, RPO, स्मॉल टॉक, SQL इत्यादि।

(इ) पाँचवी पीढ़ी की लेंगवेज (1980-2000)
[आर्टीफीशियल इन्टेलिजेनस) (AI) लेंगवेज)

(1) इन लेंगवेज में लेंगवेज के बहुत ही आपाधाण गुण जैसे‌ आर्टिफिशियल इन्देलीजेन्स (कुत्रिय बुद्धिमता) का
उपयोग किया जाता है।
(2) थे लेंगवेज डेटाबेस सिस्टम, की तुलना में नाँलेज बेस्ड सिस्टम पर आधारित होती हैं ।
(3) इन लेंगवेज के मुख्य गुण इस प्रकार है – पेलल
प्रोसेसिंग लेंगवेजेस, क्यूरी लेंगवेजेस, OOP लेगवेक
इत्यादि ।।

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