तड़ित चालक क्या है और इसके कितने प्रकार के होते हैं | Lightening Arrester in Hindi

तड़ित चालक (Lightening Arrester) क्या है

आकाश में विचरले बादल जल पर्वता के ऊपर से गुजरते है तो पता एवं बादलों के आपसी धर्षण से बादल आवेशित हो जाते हैं , क्योंकि पृथ्वी का विभव कप ( -) होता है अतः बादलों का निचला भाग धन आवेशित ( +)तथा अपरी भाग ऋण आवेशित (- ) हो जाता है । वायु प्रवाह के साथ ये बादल , एक दूसरे के ऊपर भी गति करते है और उनकी इस क्रिया बादलों के विपरीत स्वभाव वाले आवेशों में आकर्षण होता है , परिणामस्वरूप आकाश में तीव्र प्रकाश एवं गडगडाहर के साथ आवेश विसर्जन प्रारम्भ हो जाता है जिसे तड़ित या ‘ बिजली कड़कना ‘ ( lightening ) कहते हैं । बादलों के द्वारा आवेश एकम करने के सम्बन्ध में कई अन्य परिकल्पनाएँ ‘ भी विद्यमान है । 

बादलों के आदेश के विसर्जन के लिए तैयार किया गया निगम प्रतिरोध मान वाला मार्ग , तडित चालक कहलाता है । तड़ित चालक , बादली के आवेश को अपने निम्म प्रतिरोध बाले मार्ग से पृथ्वी में पहुंचाकर भवन , चिमनी , टायर , विद्युत लाइन आदि को सुरक्षा प्रदान करता है । 

तड़ित चालक को कितने प्रकार में बाटा गया है Types of Lightening Arrester

तड़ित चालक मुख्यतः निम्न प्रकार के होते है । 

1. हॉन – गैप तड़ित चालक , 

2 , ऑक्साइड फिल्म तड़ित चालक 

3. पैलेट सहित चालक 

4. थायराइट तड़ित चालक 

5. ओवरहैड पाउण्डेड लाइन । 

हॉर्न – गैप तड़ित चालक Horn gap Lighterling Arrester 

यह दो समानान्तर चालकों से बनाया गया ऐसा सहित चालक जो गाय के सींगों की भाँति दिखायी देता है इसीलिए इसका नाम हॉर्न गैप तड़ित चालक रखा गया । इस सहित चालक के चालकों के बीच का एयर – गैप लाइन वोल्टेज के अनुसार रखा जाता है । एयर गैप का मान , 440 V तक ऊपर की ओर क्रमशः बड़ा होता के लिए 1.6 मिमी , 75KV तक के लिए 10 मिमी तथा 11kv के लिए 15 मिमी होता है । यह एयर गैप नीचे जाता है । हॉर्न – गैप के एक चालक को विद्युत लाइन के ऊपरी लार से तथा दूसरे चालक को एक उच्च मान प्रतिरोधक के द्वारा ‘ अर्थ ‘ से संयोजित कर दिया जाता है । इसके अतिरिक्त , लाइन से ट्रांसफॉर्मर को जाने वाले संयोजक तारों के श्रेणी क्रम में भी उच्च रिएक्टेन्स वाली क्वॉयल्स संयोजित की जाती है  इस क्वॉयलस का रिएक्टेन्स तड़ित की विद्युत धारा के लिए काफी अधिक होता है क्योंकि तड़ित की आवृत्ति , सप्लाई की आवृत्ति से कई गुना अधिक होती है । इस प्रकार , ये क्वॉयल्स सप्लाई विद्युत धारा को तो प्रवाहित होने देती है परन्तु तड़ित विद्युत धारा ( surge – current ) को हॉन – गैप के द्वारा पृथ्वी की ओर जाने के लिए प्रेरित करती है ।

 जब बिजली कड़कने के कारण लाइन का वोल्टेज मान उसके सामान्य मान से 20 % अधिक हो जाता है तो हॉर्न – गैप के बीच एक आर्क स्थापित हो जाता है और तड़ित आवेश के विसर्जन की क्रिया प्रारम्भ हो जाती है । पृथ्वी में जाने वाले आवेश की मात्रा का नियन्त्रण , हॉन – गैप के श्रेणी- क्रम में संयोजित उच्च मान प्रतिरोधक के द्वारा किया जाता है । हॉर्न गैप की आकृति ऐसी होती है कि आर्क के द्वारा उत्पन्न ऊष्मा , आर्क को निरन्तर ऊपर की ओर धकेलती रहती है ।

 फलस्वरूप , तड़ित का आवेश पृथ्वी में विसर्जित हो जाने के बाद तड़ित चालक अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है क्योंकि एयर – गैप अधिक हो जाने पर आर्क , स्वत : ही समाप्त हो जाता है । 

ऑक्साइड – फिल्म तड़ित चालक Oxide filin Lightering Arrester 

इस प्रकार के तड़ितडी चालक में विशेष प्रकार से बनायी गयी ‘ डिस्क ‘ ( dise ) प्रयोग की जाती है । एक ‘ डिस्क ‘ , 300 V पर कार्य करने के लिए बनायी जाती है , अत : इससे अधिक वोल्टेज के लिए अनेक ‘ डिस्कस् ‘ प्रयोग की जाती हैं जिन्हें श्रेणी क्रम में सयोजित कर दिया जाता है ।

तड़ित चालक क्या है और इसके कितने प्रकार के होते हैं

इस युक्ति में पीतल से बनी लगभग 6.35 मिमी व्यास तथा 1.25 मिमी मोटाई वाली दो गोल चकतियों के बीच लैड परॉक्साइड चूर्ण भरा जाता है । यह चूर्ण पीतल की चकतियों की आन्तरिक सतह पर एक लेड परॉक्साइड पर्त ( lead peroxide film ) बना देता है । इसके अतिरिक्त चकतियों की आन्तरिक सतह पर वार्निश का लेप भी किया जाता है । इस प्रकार तैयार की गयी ‘ डिस्कूस ‘ को विद्युत लाइन के वोल्टेज के अनुसार आवश्यक संख्या में ऊपरी लाइन तथा ‘ अर्थ ‘ के बीच संयोजित कर दिया जाता है । विद्युत लाइन पर तड़ित आवेश उपस्थित होने की स्थिति में डिस्क ‘ की अचालक पर्त में से होकर आवेश को विसर्जित होने के लिए मार्ग मिल जाता है । आवेश विसर्जन के पश्चात् ‘ डिस्क्स ‘ अपनी सामान्य अवस्था लौट आती हैं । इस प्रकार की ‘ डिस्क्स ‘ का उपयोग 220V तक की लाइन के लिए किया जा सकता है । 

पैलेट तड़ित चालक Pallet Lightening Arrester 

यह ऑक्साइड – फिल्म तड़ित चालक का ही परिवर्तित रूप है । इसमें एक चीनी मिट्टी से बनी लगभग 6.5 सेमी आन्तरिक व्यास की नली में लैड परॉक्साइड की 0.63 सेमी व्यास की गोलियाँ भरी जाती हैं । इन गोलियों पर लिथार्ज नामक धातु की एक छिद्रयुक्त पर्त चढ़ी होती है । नली की लम्बाई लाइन की वोल्टेज के अनुसार 1.25 सेमी से 30 सेमी तक होती है । नली के दोनों ओर धात्विक ढक्कन होता है जिसमें संयोजक सिरे जुड़े होते हैं 

तड़ित चालक क्या है और इसके कितने प्रकार के होते हैं

जब लाइन पर तड़ित के आवेश के कारण लाइन वोल्टेज में 20 % वृद्धि हो जाती है तो लैड परॉक्साइड की गोलियों में से होकर आवेश विसर्जन मार्ग स्थापित हो जाता है । आवेश विसर्जन के बाद लैड परॉक्साइड गोलियाँ पुन : सामान्य अवस्था ग्रहण कर लेती हैं ।

 इस तड़ित चालक का उपयोग 66 KV तक की लाइन के लिए किया जा सकता है । 

थायराइट तड़ित चालक Thyrite Lightening Arrester 

इस तड़ित चालक की संरचना पैलेट प्रकार के तड़ित चालक के समान होती है । इसमें चीनी मिट्टी चित्र पैलेट तड़ित चालक से बनी नली में लैड परॉक्साइड की गोलियों के स्थान पर अकार्बनिक मिश्रण पदार्थ से बनी ‘ डिस्क ‘ रखी जाती हैं । ये डिस्क सामान्य लाइन वोल्टेज पर तो अचालक की भाँति कार्य करती हैं परन्तु उसमें 20 % से अधिक वृद्धि हो जाने पर ये चालक बन जाती है और तड़ित के आवेश को विसर्जन के लिए मार्ग प्रदान कर देती हैं । इस तड़ित चालक का उपयोग 220kV तक की लाइन के लिए किया जा सकता है । अकार्बनिक मिश्रण में थायराइट नामक तत्त्व भी उपस्थित होता है इसीलिए यह थायराइट तड़ित चालक कहलाता है । 

ओवरहैड ग्राउण्डेड लाइन Overhead Grounded Line 

विद्युत पारेषण लाइन की प्रत्यक्ष तड़ित – प्रहार से सुरक्षा हेतु टावर्स अथवा खम्बों के शीर्ष पर एक अतिरिक्त लाइन स्थापित की जाती है । जो ‘ ओवरहैड ग्राउण्डेड लाइन ‘ कहलाती है । यह लाइन , प्रत्येक टावर / खम्बों से सीधे तौर पर जुड़ी रहती है और साथ ही न्यूनतम प्रतिरोध वाले मोटे चालक तार के द्वारा भली प्रकार ‘ अर्थ ‘ से भी जुड़ी रहती है । तड़ित का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष प्रहार , लाइन से पहले इस ग्राउण्डेड लाइन में ही आवेश पैदा करता है जो चालक तार द्वारा पृथ्वी में समा जाता है । इस प्रकार , विद्युत पारेषण / वितरण लाइन , तड़ित – प्रहार से सुरक्षित रहती है । 

लाभ Advantages 

( i ) यह , विद्युत पारेषण / वितरण लाइन को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तड़ित – प्रहार से सुरक्षा प्रदान करती है । 

( ii ) यह , विद्युत पारेषण / वितरण लाइन के आस – पास विद्यमान स्थैतिक व्यवधानों ( static interferences ) के लिए डैम्पर ( damper ) अर्थात् उन्हें निष्प्रभावी बनाने का कार्य करती है । 

( iii ) यह , विद्युत पारेषण / वितरण लाइन में ‘ वोल्टेज सर्ज ‘ विकसित नहीं होने देती । 

हानियाँ Disadvantages 

( i ) इससे , विद्युत पारेषण / वितरण लाइन की स्थापना लागत बढ़ जाती है । 

( ii ) ग्राउण्डेड लाइन के टूट जाने की स्थिति में , विद्युत पारेषण / वितरण लाइन में शॉर्ट सर्किट दोष पैदा हो जाता है

बिजली कड़कने के दुष्प्रभाव (Bad – effects of Lightening )

बादलों के वैद्युतिक आवेशों का यह विसर्जन पृथ्वी में समा जाने के लिए मार्ग की तलाश करता है और किसी भी चालक जैसे ऊँचा भवन , चिमनी , टावर , विद्युत लाइन आदि को मार्ग के रूप में अपना लेता है । यदि आवेश विसर्जन को उचित मार्ग न मिले तो वह जिस भी वस्तु में से गुजरता है उसे अपनी उच्च एम्पियर्स ( 1OKA से 90 kA ) वाली विद्युत धारा से जला देता है । यह प्रक्रिया , प्रत्यक्ष तड़ित – प्रहार ( direct lightening – stroke ) कहलाती है । 

इसके अतिरिक्त , जब आवेशयुक्त बादल किसी विद्युत पारेषण वितरण लाइन के ऊपर से गुजरते हैं तो वे लाइन के तारों व खम्बों आदि में स्थिर वैद्युतिक प्रक्रिया ( electro – static action ) से बहुत – सा आवेश पैदा कर देते हैं । इस अतिरिक्त आवेश के कारण लाइन में मौजूद वोल्टेज का मान अचानक बढ़ जाता है । वोल्टेज मान में अचानक पैदा होने वाली यह वृद्धि वोल्टेज सर्ज ( voltage surge ) कहलाती है । यदि वोल्टेज सर्ज से सुरक्षा हेतु समुचित प्रबन्ध न किए जाएँ तो लाइन से जुड़ा वैद्युतिक यन्त्र एवं उपकरण पल भर में नष्ट हो सकते हैं । यह प्रक्रिया अप्रत्यक्ष तड़ित – प्रहार ( indirect lightening – stroke ) कहलाती है ।

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