सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker) क्या है
विद्युत वितरण सब – स्टेशन्स , ग्रिड स्टेशन्स , विद्युत उत्पादन केन्द्रों आदि में उच्च एम्पियर्स मान विद्युत धारा परिषथ को सामान्य प्रकार के डी.पी. या टी.पी. स्विच से ‘ ऑन ‘ / ‘ ऑफ ‘ नहीं किया जा सकता , इसका कारण यह है कि स्विच को ‘ ऑन अथवा ‘ ऑफ करते समय उसके संयोजकों के बीच अत्यधिक स्पार्किंग होने लगती है जिससे संयोजक पिघल जाते हैं और स्विच को चलाने वाले व्यक्ति का जीवन भी संकट में पड़ जाता है । अत : उपरोक्त कार्य के लिए विशेष प्रकार से निर्मित ‘ ऑन ‘ / ‘ ऑफ स्विच प्रयोग किए जाते हैं जो सर्किट ब्रेकर्स कहलाते हैं ।
सर्किट ब्रेकर में इस प्रकार की व्यवस्था भी की जाती है कि वह परिपथ के अधिक ओवरलोड होने अथवा उसमें शॉर्ट – सर्किट दोष पैदा हो जाने पर स्वत : ही ‘ ऑफ ‘ हो जाए । किसी वैद्युतिक लाइन को ‘ ऑन ‘ / ‘ ऑफ ‘ करने तथा लाइन की ओवरलोड / शॉर्ट सर्किट अवस्था में उसे स्वतः ही ‘ ऑफ कर देने वाली युक्ति सर्किट ब्रेकर कहलाती है ।
अति उच्च तोल्टता वाली लाइन्स को ऑन ‘ / ‘ ऑफ ‘ करने वाले सर्किट ब्रेकर्स को किसी सहायक मोटर आदि से भी प्रचालित किया जाता है ।
सर्किट ब्रेकर कितने प्रकार के होते हैं
सर्किट ब्रेकर्स अनेक आकार – प्रकार के तथा 5A , 250 V से कई हजार एम्पियर तथा 440 kV तक कार्य करने वाले होते हैं । इन्हें निम्न सात वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है जिनका विवरण निम्नवत् है
एयर सर्किट ब्रेकर Air Circuit Breaker , ACB
इस प्रकार के सर्किट ब्रेकर 660V 160A तक की लाइन ‘ ON’/OFF करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं । ये हस्तचालित होते हैं और इनके संयोजक , परिपथ को ‘ ऑन ‘ / ‘ ऑफ ‘ करने के लिए वायु में गति करते हैं , इसीलिए इन्हें ‘ एयर सर्किट ब्रेकर ‘ कहते हैं । ये डी.पी. ( डबल पोल ) तथा टी.पी. ( ट्रिपल पोल ) प्रकार के होते हैं ।
प्रत्येक पोल के श्रेणी क्रम में एक ओवरलोड रिलीज क्वॉयल ( overload release coil , OLRC ) जुड़ी होती है । इस क्वॉयल का प्रचालन विद्युत धारा – मान , आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सकता है । जैसे ही लाइन की विद्युत धारा का मान , पूर्व निर्धारित मान से अधिक होने लगता है , वैसे ही ये क्वॉयल्स , सर्किट ब्रेकर को स्वत : ही ( automatically ) ऑफ ‘ कर देती हैं । चित्र में एक सरल डी.पी. प्रकार के सर्किट ब्रेकर की संरचना दर्शाई गई है ।
ऑयल सर्किट ब्रेकर Oil Circuit Breaker , OCB
इस प्रकार के सर्किट ब्रेकर्स 11 kV , 1200 A तक की लाइन को ‘ ON ‘ / ‘ OFF ‘ करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं । ये भी हस्तचालित होते हैं परन्तु इनके संयोजक , परिपथ को ON / OFF ‘ करने के लिए अचालक तेल में गति करते हैं । यह तेल एक कक्ष / पात्र ( chamber / container ) में भरा होता है अचालक तेल , स्पार्किंग को दबाता है और संयोजकों में उत्पन्न हुई ऊष्मा को सोख लेता है । चित्र में डी.पी. प्रकार के सरल सर्किट ब्रेकर की संरचना दर्शायी गयी है । इसमें OLC भी होती है जो चित्र में नहीं दर्शाए गए है ।
चित्र में 3 -फेज हस्तचालित 11V . 1200 ऑयल सर्किट ब्रेकर का पैनल तथा आन्तरिक दृश्य दर्शाया गया है । 220kV लाइन के लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्किट ब्रेकर में प्रत्येक फेज के लिए पृथक ऑयल – चैम्बर होता है । इसे ‘ ऑन / ऑफ ‘ करने के लिए एक बड़ा हैण्डिल होता है अथवा इसे एक बैट्री चालित डी.सी. मोटर के द्वारा प्रचालित किया जाता है ।
एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर Air Blast Circult Breaker , ABCB
11KV से अधिक वोल्टेज पर कार्य करने वाले ऑयल सर्किट ब्रेकर्स में यह दोष होता है कि अधिक वोल्टेज के कारण तेल का वाष्पीकरण होने लगता है इसीलिए इनमें वाम को बाहर निकलने देने के लिए बैन्ट ( vent ) बनाने आवश्यक होते है । 11KV से अधिक वोल्टेज की लाइन को ‘ ऑन / ऑफ ‘ करने के लिए प्रायः एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर्स प्रयोग किए जाते हैं । इनमें चल संयोजको ( movable contacts ) का संचालन , 50-60 किग्रा / वर्ग सेमी दाब वाली शुष्क वायु से किया जाता है । सर्किट ब्रेकर को वायु दाब से प्रचालित करने के लिए एक पृथक् वायु – कम्प्रैशर की व्यवस्था की जाती है ।
उच्च वायु दाब , सर्किट ब्रेकर को प्रचालित करने के साथ – साथ स्पार्किग को भी नियन्त्रित करती है । चित्र में 110KV . – फेज ABCD दर्शाया गया है । जब यह सर्किट ब्रेकर ‘ ऑन अथवा ‘ ऑफ ‘ होता है तो विस्फोट ( blast ) की ध्वनि उत्पन्न होती है , इसीलिए इसका नाम चित्र एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर देखा गया । विस्फोट प्रणाली के आधार पर ये सर्किट ब्रेकर्स निम्न तीन प्रकार के होते है ।
A. एक्सिल ब्लास्ट ( Axial blast ) सर्किट ब्रेकर ,
B. रेडियल बलास्ट ( Radial blast ) सर्किट ब्रेकर
C क्रॉस ब्लास्ट ( Cross blast ) सर्किट ब्रेकर ।
स्वचालित सर्किट ब्रेकर Automatic Circuit Breaker
यह ऑयल सर्किट ब्रेकर का परिवर्द्धित ( modined ) रूप है । प्रारम्भ में तो इसे हस्तचालित हैण्डिल से ही ‘ ऑन ‘ किया जाता है । इसमें एक विद्युत धारा प्रचालित विद्युत चुम्बक लगा हुआ होता है । जैसे ही विद्युत धारा का मान , एक पूर्व निर्धारित मान से अधिक हो जाता है , विद्युत चुम्बक उत्तेजिल हो जाता है और सप्लाई परिपथ को ‘ ऑफ ‘ कर देता है । यदि विद्युत धारा का मान कुछ समय पश्चात् ‘ सामान्य हो जाता है तो विद्युत चुम्बक का चुम्बकत्व निर्बल पड़ जाता है और सप्लाई परिपच स्वत : ही पुन : ‘ ऑन ‘ हो जाता है । परन्तु सप्लाई परिपथ में बार – बार दोष पैदा होने की आवरणा में यह सर्किट ब्रेकर , सप्लाई परिषण को स्थायी रूप से ‘ ऑफ कर देता है । तत्पश्चात् सप्लाई परिपथ का दोष दूर करके , सर्किट कर को हाश से ‘ ऑन ‘ करना पड़ता है । इस प्रकार स्वचालित सर्किट ब्रेकर , एक ऐसी सुरक्षा युक्ति के रूप में कार्य करता है जो सप्लाई परिपथ की सर्ज करन्ट ‘ ( अस्थायी ओवरलोड पारा ) से सुरक्षा करती है ।
मिनिएचर सर्किट लेकर Miniature : Circult Breaker , MCB
यह एक S.P. स्विच की आकृति वाला लघु रूप सर्किट मोकर होता है । इसकी विशेषता यह है कि इसमें ओवरलोड अवस्था में स्वत : ही ऑफ ‘ हो जाने की व्यवस्था होती है । ओवरलोड स्थिति में स्वत : ऑफ हो जाने की व्यवस्था प्राय :, द्विधात्विक युक्ति ( bimetallic device ) के द्वारा संपन्न होती है
ये सर्किट बोकार 5 से 60A , 230V क्षमता में बनाये जाते हैं । डी.पी. , टी.पी. तथा चार पोल प्रकार के MCB में क्रमश : दो , तीन , चार SP.M.C.B. जो स्विचिंग लीवर्स को एक साथ प्रचालित करने की व्यवस्था की जाती है । MCB ऊपर को ‘ ऑन ‘ होता है । MCB का मुख्य लाभ यह है कि परिपथ के ओवरलोड होगे पर यह स्वतः ही ‘ ट्रिप ‘ ( trip ) अर्थात् ‘ ऑफ ‘ हो जाता है और ओवरलोड को दूर करके इसे पुनः ‘ ऑन किया जा सकता है । यदि परिपथ की सुरक्षा पयूज , के द्वारा भी की जा सकती हैं , परन्तु पयूज के जल जाने पर उसे परिवर्तित ही करना पड़ता है जबकि MCB में ऐसा नहीं करना पड़ता ।
आजकल गवनों , कार्यालयों , उद्योगशालाओं , व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि की ‘ लाइट एण्ड फैन ‘ वायरिंग में प्रत्येक कक्ष अथवा प्रत्येक 800w ( पविर में 3000w ) से अधिक लोड परिपथ में ओवरलोड स्थिति में लाइन को ‘ ट्रिप ‘ करने के लिए MCB प्रयोग किया जाता है ।
अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर ‘ Earth Leakage Circuit Breaker , ELCB
MCB के द्वारा किसी उपकरण अथवा लाइन की ओवरलोड धारा से सुरक्षा की जा सकती है परन्तु ‘ अर्थ ‘ में धारा लीकेज अथवा अन्य ‘ अर्थ ‘ दोष से नहीं । धात्विक खोलयुक्त वैद्युतिक उपकरणों , यन्त्रों , मशीनों आदि में यदि सजीव चालक ( live conductor ) आंशिक रूप से घात्विक खोल को हार्श करने लगे तो लोकेज धारा के कारण आपरेटर को गम्भीर विद्युत झटका ( electric shock ) लग सकता है । ऐसी स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने वाली मुक्ति ELCB कहलाती है । यह युक्ति ‘ रिले ‘ की भाँति धारा अथवा वोल्टेज चालित प्रकार की होती है और केवल 100 मिली एम्पियर लीकेज धारा पर ही प्रचालित हो सकती है । उपकरण में ‘ अर्थ ‘ दोष अथवा ‘ लीकेज ‘ उपस्थित होने पर , ELCB लाइन को ऑफ कर उपकरण को विद्युत स्त्रोत से पृधवकृत कर देती है ।
निर्वात सकित होकर ( VCB)
) ये मुख्यतः 11KV या 33KV तक के पावर लाइन में ऑन ऑफ करने के लिए प्रयोग होता है इसमें दोनों electrodes को एक बंद युक्ति में रखा जाता है जिसका वायुमंडलीय दाब पारे का 1/10³ mm रखा जाता है ताकि आयन के कण आर्क न पैदा कर सके ।
सल्फर हेक्साफ्लोराइड सर्किट ब्रेकर ( SF6CB )
इसमें आर्क को समाप्त करने के लिए सल्फर हेक्साफ्लोराइड ( SF6 ) का प्रयोग होता है । ये CB72.5KV से 145KV तक की लाइन में प्रयोग होता है । वायु की तुलना में SF का परावैद्युत सामर्थ्य लगभग 1.5 गुना होता है । HT ( High tension ) के लिए यही CB प्रयुक्त होता है ।