भारतीय राष्ट्रीय ध्वज इतिहास व महत्त्व, निबंध

 भारतीय राष्ट्रीय ध्वज  इतिहास व महत्त्व, निबंध 

राष्ट्रीय ध्वज (National Flag): 

तीन पट्टियों वाला तिरंगा, गहरा केसरिया (ऊपर), सफेद (बीच) और गहरा हरा रंग (नीचे) है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है, जिसमें 24 तीलियाँ हैं तथा इसे सारनाथ में अशोक के सिंह स्तम्भ पर बने चक्र से लिया गया है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की शीर्ष भाग की अनुकुति है भारत सरकार ने इसे 26 जनवरी 1950 ई को अपनाया।  प्रतीक के नीचे मुडकोपनिषदं में लिखा सूत्र सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है सरकारी कार्यों में प्रयोग में लाए जाने वाले राष्ट्रीय प्रतीक अलग-अलग रंग के होते हैं नीले नीला राष्ट्रपति भारत के मंत्रियों द्वारा, लाल राष्ट्रीय प्रतीक राज्यसभा के सदस्यों  व अधिकारियों,  हरा राष्ट्रपति प्रतीक लोकसभा के सदस्यों द्वारा उपयोग में लाया गया है भारत के राज चिन्ह का प्रयोग भारत के राजकीय ( अनुचित उपयोग निषेध) अधिनियम 2005 के तहत नियंत्रित होती है

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का महत्व


1.भारत के संविधान सभा ने राष्ट्र-ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई, 1947 को अपनाया। राष्ट्रीय ध्वज का केसरिया रंग जागृति, शौर्य व त्याग का, सफेद रंग सत्य एवं पवित्रता का एवं हरा रंग जीवन-समृद्धि का प्रतीक है।
2.राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा में हंसा मेहता ने प्रस्तुत किया।
3.भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार सभी भारतीय नागरिकों एवं निजी संस्थाओं आदि को भी.राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का अधिकार है।
 4.जनवरी, 2004 ई. को एक महत्वपूर्ण विनिर्णय में उच्चतम न्यायालय (मुख्य न्यायाधीश बी. एन. खरे की अध्यक्षता में) ने यह घोषणा की कि संविधान के अनुच्छेद-19 (1) (अ) के अधीन राष्ट्रीय ध्वज फहराना नागरिकों का मूल अधिकार है।
4.राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय शोक के समय झुका दिया जाता है।राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति के निधन हो जाने पर सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय ध्वज को 12 दिनों तक झुका दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री एवं पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन हो जाने पर 7 दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है।
5.प्रसिद्ध झंडा गीत ‘झंडा ऊँचा रहे हमारा’ की रचना श्यामलाल प्रसाद गुप्त ने की है।
नोट भारत के राष्ट्रीय ध्वज का पहली बार प्रदर्शन 14 अगस्त, 1947ई..की मध्य रात्रि में हुआ।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज  इतिहास व महत्त्व, निबंध

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज  इतिहास

राष्ट्रीय ध्वज स्वतंत्रता के लिए, भारत की लम्बी लड़ाई व राष्ट्रीय खजाना का प्रतिनिधित्व करता है. यह स्वतंत्र भारत के गणतंत्र का प्रतीक है. देश आजाद होने के कुछ दिन पूर्व 22 जुलाई 1947 को स्वतंत्र भारत के संविधान को लेकर एक सभा आयोजित की गई थी, जहाँ पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सबके सामने प्रस्तुत किया गया. इसके बाद 15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक राष्ट्रीय ध्वज को भारत के अधिराज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया. 1950 में संविधान लागु होने पर इसे स्वतंत्र गणतंत्र का राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया गया. राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वेंक्क्या द्वारा बनाया गया था.


ध्वज का निर्माण कार्य

ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैण्डर्ड (BIS) ने ध्वज के निर्माण के लिए मानक सेट किया. उन्होंने उसके निर्माण से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात जैसे उसका कपड़ा, धागा, रंग उसका अनुपात सब कुछ रुल के अनुसार सेट किया, यहाँ तक कि उसके फेहराने से जुड़ी बातें भी रुल में लिखी गई

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