अवनी लेखरा ( निशानेबाज) का जीवन परिचय | Avni Lekhara Biography in Hindi

अवनी लेखरा का जीवन परिचय


नाम  :- अवनी लेखरा

जन्म :- 8 नवंबर 2001 

जन्म स्थान :  जयपुर 

पिता का नाम – प्रवीण लेखरा

मां का नाम- श्वेता लेखरा

आयु – 20 वर्ष

ऊंचाई – 5.2 फीट
वजन – 55 किलो
आंखों का रंग – काला
बालों का रंग – काला
कोच – चंदन सिंह
रंग – काला, नीला, सफेद 
भोजन- पिज्जा, चॉकलेट

अवनी लाखेरिया का जीवन परिचय


अवनी लेखरा प्रारंभिक जीवन

अवनी लाखेरिया एक भारतीय पैरालंपिक निशानेबाज है जिसका जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर में हुआ । अवनी के पिता प्रवीण लेखरा ने बताया कि 2012 में वह धौलपुर में कार्यरत थे। उसी दौरान जब वह जयपुर से धौलपुर जा रहे थे तो सड़क दुर्घटना में पिता-पुत्री दोनों घायल हो गए। प्रवीण लेखरा तो कुछ समय बाद स्वस्थ हो गए लेकिन अवनी को तीन महीने अस्पताल में बिताने पड़े फिर भी रीड की हड्डी में चोट के कारण वह खड़े होने और चलने में असमर्थ हो गई ।

अभिनव की बायोग्राफी से मिली प्रेरणा

लेखरा ने बताया कि इसके बाद वह बहुत निराशा से भर गई और अपने आप को कमरे बंद कर लिया। माता-पिता के सतत प्रयासों के बाद अवनी में आत्म विश्वास लौटा और अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से प्रेरणा लेकर वह निशानबाजी करने लगी।

अवनी ने बताया एक्सीडेंट के बाद उनके पिताजी ने उन्हें अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी लाकर दी। उससे उनकी निशानेबाजी में रुचि जगी और वह घर के पास में ही स्थित शूटिंग रेंज पर जाकर अभ्यास करने लगी। उन्होंने बताया कि कोच के निर्देशन के अनुसार अभ्यास करने के साथ मैंने अपना शत-प्रतिशत देना शुरू किया तो मुझे सफलताएं मिलती चली गईं।

अवनी के कोच ने बताया कि अवनी में गजब का आत्मविश्वास है और वह इस आत्मविश्वास के बलबूते ही विश्व कप शूटिंग में रजत पदक जीतकर खुद को साबित किया

अवनी लेखारा को प्राप्त शिक्षा

अवनी लेखरा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्मस्थली जयपुर के एक विद्यालय में प्राप्त किया। इनका मन पढ़ाई लिखाई में पहले से ही लगता था। या अपने शुरुआती समय में एक वकील बनना चाहती थी, जिसके लिए इन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की और स्नातक की डिग्री के साथ-साथ इन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की।

बाद में इनका एक अकस्मात एक्सीडेंट हुआ, जिसके कारण इनका यह करियर पूरी तरह से समाप्त हो गया और यह स्वयं को कुछ भी करने के योग्य ना समझती थी, परंतु इनके पिता ने इनके साहस को बांधे रखा और इन्हें पैरालंपिक खेल में जाने का सलाह दिया।

अवनी लेखरा का करियर

अवनि इस साल वर्ल्डकप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। वहीं 2019 में क्रोएशिया में भी सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। 2017 में वह जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उनका वर्ल्ड रैंकिंग 5 हैं।अवनी लेखरा ने साल 2015 में राष्ट्रीय पैरालंपिक शूटिग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता.अवनी लेखरा पांच बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी है.

टोक्यो पैरालिंपिक में  अवनि लेखरा प्रदर्शन

टोक्यो पैरालिंपिक में  अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में देश के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। जयपुर की रहने वाली अवनि पैरालिंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट भी हैं।उन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 के फाइनल में 249 पॉइंट स्कोर कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने क्वॉलिफिकेशन राउंड में 7 वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी।

अवनि पैरालिंपिक में मेडल जीतने वाली तीसरी शूटर भी हैं। उनसे पहले रियो में दीपा मलिक ने सिल्वर और टोक्यो पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीता

अवनी लेखरा को प्राप्त पुरस्कार

• अवनी लेखरा ने साल 2019 में दुबई में आयोजित पैरा शूटिंग विश्व कप के 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया. साथ ही पैरालंपिक के लिए भी क्वालिफाय कर लिया.

• अवनी लेखरा ने साल 2021 में टोक्यो में आयोजित पैरालंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.

• अवनी लेखरा पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी है.

• अवनी लेखरा ने साल 2015 में राष्ट्रीय पैरालंपिक शूटिग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता.

• अवनी लेखरा पांच बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी है.

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