RAM का मतलब क्या होता है ?
RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता हैं. इसे Main Memory और प्राथमिक मेमोरी भी कहते हैं. RAM में CPU द्वारा वर्तमान में किये जा रहे कार्यों का डाटा और निर्देश स्टोर रहते हैं. यह मेमोरी CPU का भाग होती हैं. इसलिए इसका डाटा Direct Access किया जा सकता है.
वोलेटाइल को अस्थाई मेमोरी कहा जाता है। यह मेगोरी अपने आप खत्म हो जाता है जिसके अंदर किसी इनफर्मेशन को स्टोर नही कर सकते हैं। उसको वोलेटाइल मेमोरी कहते हैं वोलेटाइल मेमोरी के अन्तर्गत रेम मेनोरी आरती है। (Ram -Random access memory) रेम मेनोरी कम्प्यूटर को कार्य करने के लिये जगह प्रोवाइड करता है। कम्यूटर स्विच ऑन करने पर यह मेमोरी कार्य करना प्रारंभ कर देती है और स्वच बंद करने पर क्या कार्य करना बंद कर देती है।
RAM किसने बनाया? (Who Invented RAM)
सं 1967 में पहलीबार RAM का अबिष्कार किये Robert Heath Dennard ने. वो एक American electrical engineer और Inventor है. वो बनाये थे dynamic random access memory या DRAM को. जिसके लिए वो transistor का इस्तेमाल किये थे.
RAM कितने प्रकार की होती है ?
रेम के दो मुख्य प्रकार होते है।
1) SRAM स्टेटिक रेम
2) DRAM डायनमिक रेम
SRAM स्टेटिक रेम:-
SRAM का पूरा नाम Static Random Access Memory होता हैं. जिसमें शब्द “Static” बताता हैं कि इस RAM में डाटा स्थिर रहता हैं. और उसे बार-बार Refresh करने की जरूरत नही पडती है.
जब एक मेमोरी सेल में एक विट संगृहीत हो जाती है। तो यह उसमें तब तक विद्यमान रहती है जब तक चिप को पांवर उपलबध रहंता है। स्टेटिक RAM को कम रिफ़्रेश करने की आवश्यकता होती है यह RAM का महैंगा प्रकार है । यह DRAM से तेज कार्य करती है क्याकि इसका एक्सेस टाइम कम होता है यह कम स्थान घेरती है। इसलिए इसका उपयोग कैश मेमारी के रूप में होता है। यह बायपोलर सेमीकंडक्टर एवं मेटल ऑक्साइड अर्धचालक से बना होता है।
DRAM डायनमिक रेम :-
DRAM का पूरा नाम Dynamic Random Access Memory होता हैं. जिसमे शब्द “Dynamic” का मतलब होता हैं चलायमान. अर्थात हमेशा परिवर्तित होते रहना. इसलिए इस RAM को लगातार Refresh करना पडता हैं. तभी इसमें डाटा स्टोर किया जा सकता है.
डॉयनमिक RAM में बिट्स बहुत जल्दी खत्म हो जाती है चाहे पॉवर सप्लाई लगातार हो रही हो इसलिए इसे बार बार रिफ्रेश करने की आवश्यकता होती है। यह SRAM से संस्ती है।SRAM की तुलना में कम संग्रहण क्षमता होती है। डाटा मेमोरी के रूप में उपयोग में लाई जाता है. इसका निर्माण कैपेसिटरर्स मेमोरीज तथा मेटल ऑक्साइड अर्धचालको से होता है।