अग्नि-शमन Fire Extinguishing
प्रत्येक कार्यशाला में अग्नि-शामक यन्त्र आवश्यक रूप से उपलब्ध रहने चाहिए कि विघुत के ‘शॉर्ट-सर्किट’ अथवा अन्य किसी कारण से कार्यशाला में लगी आग की रोकथाम आवश्यक है। आग से कार्यशाला की मूल्यवान सम्पति ही नहीं कार्यशाला में कार्यरत व्यक्तियों का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। अग्नि-शामक यन्त्र एवं उपकरण, कार्यशाला में ऐसे स्थान पर स्थापित किए जाने चाहिए, जहाँ से वे तुरन्त ही प्रयोग किए जा सका इनके अन्तर्गत अग्नि-शमक यन्त्र, रेत से भरी बाल्टीया, पानी से भरी बाल्टीया आदि को व्यवस्था की जाती है।
अग्नि-शमन Fire Extinguishing आग लगने से कैसे बचें
कार्यशालाओं में आग लगने के कारण Causes of Fire in Workshops
1. वैघुतिक शॉर्ट सर्किट अथमा अत्यधिक स्पाकिंग होना।
2 ज्वलनशील पदार्थों की उपस्थिति जैसे-मोबिल ऑयल, मिट्टी का तेल, डीजल, पेटोल, गैस, ऑक्सीजन गैम के सिलेण्डर आदि। विस्फोटक पदार्थों की उपस्थिति।
4. सर्दियों में हाथ तापने के लिए लकड़ी के टुकडे, तेल में भीगा जूट आदि जलाना।
5. बीड़ी सिगरेट के अनबुले टुकड़े लापरवाही से इधर-उधर फेक देना।
6. ऊष्मको (heaters) में तापमान नियन्त्रण की व्यवस्व का न होना।
7. ज्वलनशील पदार्थों का पृथक एवं शीतलित गोदामों में भण्डारण न किया जागा (विशेषकर पीष्म ऋतु में)।
8. वैल्डिग, ग्राइण्डिग आदि की व्यवस्था ज्वलनशील पदार्थो के निकट होना।
9. ज्वलनशील गैसों की निकासी के लिए पर्याप्त वातायन (vertilations) व्यवस्था न होना (विशेषकर रासायनिक कार्यशालाओं में)।
अग्नि-शमन (Fire Extinguishing)कितने प्रकार के होते हैं
आग की किस्में एवं उपयुक्त अग्नि-शामक सामग्री
Types of Fire and Appropriate Fire extinguishing Material
आग को विविध किस्में होती है जिनका उल्लेख उपयुक्त अग्निशामक सामग्री के साथ आगे किया गया है
श्रेणी ‘ए’ अग्नि Class ‘A’ TFire
लकड़ी, कागज, कपड़ा, जूट आदि में लगी आग बुझाने के लिए शोतल गल को बौछार उपयुक्त रहती है।
श्रेणी ‘बी’ अग्नि Class ‘B Fire
ज्वलनशील द्रवों एवं ठोसों; जैसे-मिट्टी का तेल, डीजल, पेट्रोल आदि में लगी आग बुझाने के लिए झाग वाले यत्र (foam tere extinguishers) एवं कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO,) वाले यन्त्र उपयुक्त रहते हैं। इस प्रकार की आग, जल की बौछार से नहीं बुझती।
श्रेणी सी अग्नि Class C Fire
सिलेण्डर आदि में भरी I.PG गैस आदि में लगी आग से विस्फोट होने की सम्भावना भी विघामान रहती है। इस प्रकार की आग बुझाने के लिए हो सके तो गैस की सप्लाई काट दें अन्यथा चेतावनी घण्टी बजा दें और अग्नि-शामक विशेषज्ञों को बुलाएँ। इस प्रकार की आग बुझाने के लिए शुष्क चूर्ण वाले यन्त्र उपयुक्त रहते हैं।
श्रेणी ‘डी अग्नि Class ‘D Fire
बिजली के तारों, उपकरणों एवं अन्य धात्विक पदार्थों में लगी आग को बुझाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड शुष्क चूर्ण एवं CTC अग्नि-शामक यन्त्र उपयुक्त रहते हैं। इसके अतिरिक्त शुष्क रेत भी प्रयोग की जा सकती है। झाग वाले यन्त्र अथवा जल की बौछार का प्रयोग इस प्रकार की आग बुझाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
अग्नि-शामक यन्त्र Fire Extinguishers
यह एक ऐसा उपकरण होता है जिसके द्वारा जलती हुई वस्तुओं पर द्रव, गैस या चूर्ण का छिड़काव किया जा सकता है और जल रही वस्तु की ऑक्सीजन की सप्लाई रोककर आग बुलाई जा सकती है। इसके द्वारा छिड़का जाने वाला द्रव, गैस या चूर्ण स्वयं ज्वलनशील नहीं होता और न ही ज्वलन में सहायक होता है। अग्नि-शामक यन्त्र मुख्यत: निम्न प्रकार के होते हैं।
जल-युक्त अग्नि-शामक यन्त्र
Water-filled Fire-Extinguishing Instrument
इस प्रकार के यन्त्र में वायु दाब के साथ जल भरा होता है। एक लीवर को दबाने से जल की बौछार पैदा होती है जिसके द्वारा आग बुझायी जाती है। लीवर को छोड़ते ही जल की बौछार रुक जाती है और इस प्रकार जल चित्र अग्नि-शामक यन्त्र अनावश्यक रूप से व्यय नहीं हो पाता। इस यन्त्र का उपयोग श्रेणी ‘ए’ की आग बुझाने के लिए किया जाता है।
झाग पैदा करने वाला अग्नि-शामक यन्त्र Foam Type Fire-Extinguishing Instrument
इस प्रकार का यन्त्र, जल को बौछार के साथ-साथ झाग पैदा करता है। झाग बनाने के लिए इसमें खनिज तेल, साबुन आदि पदार्थ वायु दाब के साथ जल में मिश्रित कर भरे जाते हैं। यन्त्र का लीवर दबाने पर जल मिश्चित झाग पैदा हो जाते हैं जो जलती हुई वस्तु की ऑक्सीजन सप्लाई काटकर आग बुझा देते है। इसका उपयोग श्रेणी सी’ को आग बुझाने के लिए किया जाता है।
शुष्क पाउडर वाला अग्नि-शामक यन्त्र
Dry Powder Type Fire Extinguishing Instrument
इस प्रकार के यन्त्र में जल के स्थान पर वायु दाब के साथ चूर्ण भरा होता है। यह चूर्ण ज्वलनशील नहीं होता और न ही ज्वलन में सहायक होता है। यत्र का लोकर दबाने पर चूर्ण, जलती हुई वस्तु को ऑक्सीजन सप्लाई रोककर आग बुझा देता है। इसका उपयोग श्रेणी ‘सी’ की आग बुझाने के लिए किया जाता है।
कार्बन डाइऑक्साइड वाला अग्नि-शामक यन्त्र
Carbon dioxide Type FireExtinguishing Instrument
इस प्रकार के यन्त्र में सोडियम बाइकार्बोनेट घोल भरा होता है और इस कांच की बोतल में गन्धक का तनु अम्ल (तनु सल्फूरिक अम्ल भरा होता है। बोतल के ऊपर एक धाविक बोल्ट इस प्रकार लगाया जाता है कि यन्त्र को उल्टा करके फर्श पर पटकने से कांच की बोतल टूट जाती है। अम्ल, सोडियम बाइकायोनेट के सम्पर्क में आ जाता है। दोनों पदाथों में रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप तीव्रता से कार्बनडाइ-ऑक्साइड गैस पैदा होती है।
कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस अलम में सहायक नहीं होती और जलने वाली वस्तुओं को ऑक्सीजन सप्लाई काट कर आग बुझा देती है। इसका उपयोग श्रेणी ‘डो’ अर्थात् वैद्युतिक तारों, उपकरणों आदि में लगी आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
कार्बन टेट्राक्लोराइड वाला अग्नि-शामक यन्त्र Carbon Tetra-chloride (CCL) Type Fire-Extinguishing Instrumen
इस प्रकार के यन्त्र में कार्बन टेट्राक्लोराइड (Cu) (carten tetrachloride) अथवा बोमोक्लोरो-डि-फ्लोरो मीथेन
(bromochloro-de-fluoro methane) नामक द्रव, वायु दाब के साथ भरा हुआ होता है। यन्त्र का लीवर दबाने पर वायु मिश्चित द्रव का छिड़काव प्रारम्भ हो जाता है। इस यन्त्र का उपयोग सामान्यतः सभी प्रकार की आग बुझाने के लिए किया जा सकता है। यह द्रव, जलती हुई वस्तु को ढक लेता है और उसकी ऑक्सीजन की सप्लाई काटकर तुरन्त ही आग बुझा देता है।