स्लिप – रिंग प्रेरण मोटर Slip ring Induction Motor
स्क्विरल केज मोटर की अपेक्षा अधिक स्टाटिंग टॉर्क प्राप्त करने के लिए वाउण्ड रोटर ( wound rotor ) प्रयोग किया जाता है । वाउण्ड रोटर चाली मोटर की रोटर वाइण्डिग्स को एक 3 – फेज बाह्य प्रतिरोधक से संयोजित करने के लिए स्लिप – रिंग्स तथा ब्रशेज प्रयोग किए जाते हैं और इसीलिए इस मोटर का नाम स्लिप – रिंग प्रेरण मोटर रखा गया है ।
स्लिप – रिंग प्रेरण की संरचना Construction
वाजण्ड रोटर की संरचना चित्र में दर्शायी गई है । इसमें , लेमिनेटेड लौह – क्रोड पर 3 – फेज वाइण्डिग्स लगभग उसी प्रकार स्थापित की जाती हैं जैसे कि स्तर में । रोटर की शापट पर 3 स्लिप – रिग्स लगायी जाती है जो 3 – फेस वाइण्डिग्स से संयोजित होती है । तीनों बाइण्डिग्स सामान्यत : स्टार – संयोजन में संयोजित की जाती है । तीनों स्लिप रिंग्स का सम्बन्ध एक एक कार्बन – ब्रश से होता है और कार्बन ब्रश , 3 – फेज बाह्य प्रतिरोधक ( 6 – phase rheostat ) से संयोजित होते है ,
स्लिप – रिंग प्रेरण की कार्य प्रणाली Working Procedure
जब मोटर को 3 – फेज सप्लाई से संयोजित किया जाता है तो उसके स्टेटर में , स्क्विरल केज मोटर की भाँति घूमने वाला चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है । यह चुम्बकीय क्षेत्र , रोटर वाइण्डिग्स में वि.वा.ब. प्रेरित करता है और रोटर वाइण्डिग्स , स्लिप – रिंग्स , ब्रशेज तथा बाह्य प्रतिरोधकों से बने परिपथ में रोटर धारा प्रवाहित होने लगती है । बाह्य प्रतिरोधकों के कारण , रोटर धारा का मान निम्न रहता है परन्तु स्टाटिंग टॉर्क का मान उच्च रहता है । जैसे – जैसे मोटर गति प्राप्त करती जाती है , वैसे – वैसे ही बाह्य प्रतिरोधकों का मान घटाते जाते हैं और मोटर के पूर्ण गति प्राप्त कर लेने पर बाह्य प्रतिरोधकों को पूर्णत : परिपथ से हटा दिया जाता है । इस स्थिति में रोटर वाइण्डिास , मोटर के रनिंग टॉर्क को बनाए रखती हैं ।
स्लिप – रिंग प्रेरण के उपयोग Use
स्लिप – रिंग्स प्रेरण मोटर्स का उपयोग कम्प्रैशर , कन्वेयर , क्रेन , होएस्ट , स्टील मिल , प्रिन्टिंग प्रैस आदि में किया जाता है ।