ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं? Type of operating system

 ऑपरेटिंग  सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं? 

मशीन के आर्किटेक्चर व कान्फीम्युरेशन (जैसे मेलफेय  मिनी, माइक्रो या सुपर कम्प्यूटर) के आधार पर कई तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम्स् उपयोग किये जाते है। कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्किंग के लिये जरूरी है  इस  ऑपरेटिंग सिस्टम्स् कहते है

निम्नलिखित ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत प्रसिद्ध हुए हैं

Type of operating system


(1)OS/2:


SAA (सिस्टम एप्लीकेशन आर्किटेक्चर) मॉडल के अन्तर्गत OS/2, इन्टेल प्रोडक्ट्स के लिये सारवर प्लेटफार्म देता है, जिसे IBM ने बनाया है। OS/2 सरवर प्लेटफार्म के लिये आवश्यक स्टोरेज प्रोटेक्शन व प्रिम्प्टीव मल्टीटास्किंग सविर्सेस प्रदान करता है। बहुत से डेटाबेस व एप्लीकेशन प्रोडक्ट्स OS/2 पर उपयोग किये  जाते हैं। OS/2 सिर्फ लेन मैनेजर व लेन, सरवर NOS को ही सपोर्ट करता है। 


(2) विन्डोस NT:


माइक्रोसाफ्ट के द्वारा सितम्बर 1993 में विन्डोस NT लांच किया गया, तत्पश्चात् सरवर ऑपरेटिंग सिस्टम की फील्ड में एक अद्वितीय स्थान बन गया। माइक्रोसाफ्ट व IBM के द्वारा बनाया गया 08/2, यूनिक्स के तुलना में एक अकेला स्टेण्डर्ड नहीं बन पाया, जितनी कि उम्मीद थी। NT, प्रिम्प्टीव मल्टीटास्किंग सर्विसेस देता है, जो कि फंक्शनल सरवर के लिये आवश्यक है। यह विन्डोज क्लाईट्स को अद्भुत सहयोग देता है व उन आवश्यक स्टोरेज प्रोटेक्शन सविर्सेस को भी शामिल करता है, जो कि एक विश्वसनीय सरवर ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जरूरी हो। इसके द्वारा दी गई लेबल की

सिक्यूरिटी, OS/2 व बहुत से यूनिक्स प्लेटफार्म की तुलना में बहुत अधिक होती है। सन् 1994 में इससे कुछ एप्लीकेशन व कुछ आवश्यक विषमताएं शामिल की गईं, जिससे कि क्रिटिकल (कठिन) बिजनेस एप्लीकेशन के लिये एक सशक्त इंडस्ट्रीयल प्लेटफार्म दिया जा सके। माइक्रोसाफ्ट की लोकप्रियता व मार्केट की शक्ति के कारण बहुत से ऑर्गेनाइजेशन्स ने इसे अपनी पसंद का सरवर OS बनाया।
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(3) MVS:

IBM ने MVS प्लेटफार्म बड़े एप्लाझशन्स के लियेदिया। ऐसी बहुत सी वर्तमान एप्लीकेशन सविर्सेस जो कि ऑर्गेग्नाइजेशन ने खरीदी थी, सिस्टम 370 के काम्पिटिबल हार्डवेयर पर आधारित थी, MVS की सपोर्ट करती थी। SNA जो कि बहुत से ऑर्गेनाइजेशन के लिये एक स्टेण्डर्ड SNA नेटवर्किंग वातावरण है, वह भी MVS का अवयव है। IBM ने SAA के छाते के नीचे लेबल प्रोपरायटरी सिस्टम को पसंद किया। SAA का उद्देश्य IBM के सभी प्लेटफार्स पर सभी सर्विसेस काम्पेटिवल तरीके से दे सके (अर्थात् का सिंगल सिस्टम इमेज)।

MVS के अंदर ऐसे लेन सरवर, जो कि नेटिवली चल रहा हो को सपोर्ट करने का IBM का वादा है। यह एक बहुत ही आकर्षक विकल्प उन ऑर्गेनाइजेशन्स के लिये है, जिन्होंने MVS एप्लीकेशन्स में बहुत ज्यादा धनराशि लगा रखी है। सिस्टम 370 काम्पेटिवल प्लेटफार्स जो कि MVS का उपयोग कर रहे हैं, कि डेटा स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक है, के साथ-साथ सर्विसेस के लिये भी MVS का उपयोग बड़े ऑर्गेनाइजेशन के लिये बहुत लाभदायक है। MVS, DB2 व LU6.2 का उपयोग करके बहुत ही सशक्त डेटाबेस सरवर देता है। LU6.2 के लिये इंडस्ट्री का अत्याधिक सपोर्ट, DB2 डेटाबेस को क्लाईंट/सरवर के द्वारा दिये जाने वाले व्यू के रूप में रिक्वेस्ट करता है। 


(4) VMS (OPENVMS):


सरवर प्लेटफार्म के लिये DEC (डिजिटल इक्यूपमेन्ट कॉरपोरेशन) ने OPENVMS के रूप में एक विकल्प दिया। इस प्रतिस्पर्धा की दुनिया में VMS का बहुत लम्बा इतिहास, डिस्ट्रिब्यूटेड कम्प्यूटींग फील्ड व जिसमें ऐसे बहुत से गुण, जो कि क्लाईट सरवर मॉडल के लिये आवश्यक है, के लिये रहा है।परन्तु DEC इस टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे मे बहुत उदासीन था और काफी समय बाद अब वह इस फील्ड‌ में एक वास्तविक विक्रेता बना। DEC, लेन मैनेज डैरिवेटिव्स प्रोडक्ट जिसे पाथवर्क्स कहते हैं, के द्वारा स्वयं की सरवर इन्टफेसिंग देता है।

पाथवर्क्स, VAX R RISC एल्फा RXP पर स्वाभाविक रूप से चलता है। यह एक बहुत ही आकर्षक कान्फीम्युरेशन है, क्योंकि OPENVMS, नेटवेयर व लेन मैनेजर का संयुक्त समूह एक ही प्रोसेसर पर जो एप्लीकेशन, डेटाबेस व फाइल सर्विसेस प्रदान करता है,

Digital उसे हम एक्सेस कर सकते हैं। डिजिटल व माइक्रोसाफ्ट ने संयुक्त रूप से समझौते की घोषणा कि जिसके तहत विन्डोज, विन्डोज NT, पाथवर्क्स व OPENVMS निर्बाध रूप से एकीकृत किया जा सके। इससे  OPENVMS के कस्टमर्स को क्लाईट / यावर मॉडल पर आने में बड़ी सुविधा हुई।


VAX OPENVMS का डेटाबेस प्रोडक्ट्स जैसे RDB, Sybase, Ingres व Oracle को सपोर्ट, क्लाईंट/सरवर एप्लीकेशन के लिये एक प्रभावी डेटाबेस सरवर देता है। बहुत से ऑर्गेनाइजेशन का VAX हार्डवेयर व DECnet नेटवर्किंग में बहुत इन्वेस्टमेन्ट्स है। अत: ऐसे में इस आर्किटेक्चर को क्लाईट/सरवर के रूप में उपयोग करना इस इन्वेस्टमेन्ट्स का बहुत अच्छा उपयोग है। DECnet, सिंगल सिस्टम इमेज मॉडल के लिये एक आदर्श सपोर्ट देता है।


(5) यूनिक्स :

 क्लाईट/सरवर मॉडल में यूनिक्स सबसे शुरुआत का खिलाड़ी है। निश्चित रूप से मूनिक्स की डिस्ट्रीब्यूटेड कम्प्यूटींग फील्ड में व इसकी ओपन इन्टरफेस के इतिहास के कारण सरवर के लिये यह सबसे उपयुक्त पसंद है यदि हम यह समझना चाहते हैं कि यह ओपन ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे है, तो हमें इसको अवयव देखना होंगे। यूनिक्स विचारधारा का जन्म लगभग 1970 के दशक में AT&T के एम्प्लाइज ने दी, जो कि उन सॉफ्टवेयर डेवलेपर्स के लिये एक ऑपरेटिंग वातावरण था, जो दिन प्रतिदिन के नये कम्प्यूटर्स व डेवलेपमेन्ट टूल्स की कमी से भयभीत व आशंकित रहते थे। यूनिक्स ऑर्किटेक्चर का मुख्य उद्देश्य यूनिक्स कर्नल के द्वारा दी जाने वाली सर्विसेस का एक स्टेण्डर्ड समूह परिभाषित करना था। इन सर्विसेस का उपयोग शैल करता है, जो कि एक कमांड लाइन इन्टरफेस देता है। इसकी कार्यशीलता को विशेष लाइब्रेरी प्रोग्राम्स की मदद से बढाया जा सकता है।

एप्लीकेशन का निर्माण प्रोग्राम लाइब्रेरी व कस्टम कोड की मदद से किया जा सकता है। यूनिक्स की ताकत व उसकी माँग कर्नल व शैल की एक कॉमन परिभाषा में शामिल है और साथ ही बहुत से इसके द्वारा उपलब्ध व निर्मित सॉफ्टवेयर में भी। इन स्टेण्डर्ड पर आधारित एप्लीकेशन्स को बहुत से हार्डवेयर प्लेटफार्म पर ले जाया जा सकता है। 

वास्तविक यूनिक्स का उद्देश्य बहुत विस्तृत था और इसे प्राप्त किया गया सिर्फ इस बात को छोड़कर कि वास्तविक ऑपरेटिंग सिस्टम AT&T के संरक्षण में डेवलेप किया गया।  इसके परिणाम स्वरूप पोर्टेबल प्लेटफार्म का वास्तविक विकल्प से समझौता करना पड़ा। नये प्रोडक्ट्स वास्तव बहुत अच्छे थे एक-दूसरे से काम्पीटीबल नहीं थे या वास्तविक क्रियान्वयन के अनुरूप नहीं थे। 1980 के दशक के मध्य यूनिक्स के बहुत से वरशन्स और अधिक क्रियाशीलता के साथ मार्केट‌में आये। सन् 1986 में IBM के द्वारा बनाये गये यूनिक्स डेरिवेटिव, जिसका नाम AIX था, के कारण विवाद में पड़ गया। 

अन्त में कम्प्यूटींग समूह ने यूनिक्स कर्नल व शैल कैसा होगा व विशेष APIs की परिभाषा क्या होगी, एकमत के द्वारा घोषित की। चित्र भविष्य के स्टेण्डर्ड यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम आर्किटेक्चर के अवयवयों को दर्शाता है।

(6) लाइनेक्स :

एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम जो यूनिक्स फेमिली के आपरेटिंग सिस्टम के सदस्य के रूप में विकसित हुआ। यह POSIX -कम्प्लाईंट व इन्टरनेट की साईट्स् पर सरलता से उपलब्ध है

एक विशेष लाइनेक्स आपरेटिंग सिस्टम में सामान्यतः लाइनेक्स कर्नल व उसकी सर्पोंटिंग फाईल्स, GNU C/C++ कम्पाईलर, x विन्डोज ग्राफिकल इन्टरफेस का xfree 86 वरशन, अपाची वेब सरवर व अन्य ट्रल्स् और यूटिलिटिस् के साथ-साथ प्रत्येक के सोर्स कोड भी उपलब्ध रहते हैं । लाइनेक्स को हजारों यूजरस् व डेवलेपरस के नेटवर्क द्वारा सपोर्ट किया जाता है जो लगातार इसकी कार्यक्षमता व फंक्शनलिटी में सुधार कर रहे हैं।

(7) मेकिनटोस (मेक ओएस) :

एक पसर्नल कम्प्यूटिंग प्लेटफार्म जो कि एप्पल द्वारा 1984 में विकसित किया गया। एप्पल मेकिनटोस ने पर्सनल कम्प्यूटर मार्केट के लिये बहुत से नये-नये यूजर इन्टरफेस विकसित किये। ये सभी नये-नये विकास 1970 में स्टेनफोर्ड रिसर्च इंस्टिट्यूट व जिरॉक्स पॉलो अल्टो रिसर्च सेंटर (जिरॉक्स PARC) में किये । जिसमें ग्राफिकल यूजर इन्टरफेस (GUI), माऊस क्लिकेबल प्रोग्राम आईकान्स् व रिसाईजेबल विन्डोज मिल है। 

मेकिनटोस ऑपरेटिंग सिस्टम वास्तव में सिस्टम कहलाता था। अब वह (मैक औएस) के नाम से जाना जाता है। माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज की तुलना में इसका मार्केट शेयर बहुत ही कम है। 

(৪) विन्डोज – 95 :

यह माइक्रोसॉफ्ट का बहुत ही पापुलर 32- बिट डेस्कटॉप आपरेटिंग सिस्टम है, जिसने विन्डोज 3.1 की जगह ली। विन्डोज 95 को घर, ऑफिस व व्यापार में उपयोग के लिये बनाया गया था। इसमें MS-DOS व विन्डोज 3.1 जैसे 16-विट आपरेटिंग सिस्टम की सभी सुविधाएँ जगलब्ध थी।

विडोज-95 में निम्नलिखित गुण शामिल है

1. एक पुनःनिर्मित GUI जिसमें डेस्कटॉप सकवार, स्टार्टबटन व कान्टैक्स्ट मेन्युज इत्यादि को कान्फियुर कले की
सुविधा।
2. MS-DOS व 16-बिट विन्डोज एप्लिकेशन के साथ उपयोग में आने वाले हार्डवेयरसू के साथ काम्मेटिविलिटी।

3. डिवाईसेस व सर्विसेस के लिये प्रोटेक्टेड मूड मैनेजोेंट के
लिये 32-बिट वरचुअल डिवाईज ड्राइवरस् (VAD8) । विन्डोज 3.1 के को ऑपरेटिव मल्टिटास्विंग विधि की जगह प्रिम्पटीव मल्टिटास्किंग कर्नल जोकि MS DO8 व विन्डोंज 3.2 दोनों के एप्लिकेशन को एक साथ कर सके

4. पूरी तरह से एकीकृत 32-बिट डिस्क, नेटवर्क व प्रट सबसिस्टम्

5. माइक्रोसाफ्ट नेटवर्कर, नोवेल नेटवेयर व बनियान विनित इत्यादित के लिये एकीकृत बिल्ट-इन साफ्टवेयर की सुविधा। बड़े फाइल के नाम को स्पोर्ट।

6. हार्डवेयर के ऑटोमेटिक इन्स्टालेशन व कान्फियुरेशन के
लिये प्लग एण्ड प्ले सपोर्ट।

7. मोबाइल यूजरस् के लिये एडवांस पॉवर मैनेजमेंट (APM)
सपोर्ट।

8. Emall के लिये इंटिप्रेटेड विद्डोज मैसेजिंग।

9. इन्टरनेट कनेक्टिविटी व रिमोट एक्सेस रार्विस (RAS) कनेक्टिविटी के लिये इंटिप्रेटेड डॉयलऑॅप नेटवर्किग की सुविधा

10. मल्टिमीडिया साऊंड व बौडियो एन्लिकेशनरा के लम
इंटिग्रेटेड रापोर्ट ।

11. माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट एक्सप्लोर त इंटिप्रटेड सेब ग्राउजर
की सुविधा।

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