सफलता का रहस्य कहानी के माध्यम से
एक समय की बात है दो दोस्त होते हैं एक का नाम राम और दूसरे का नाम रामू होता है। राम अपने जीवन में बहुत सफल हो पाता है। लेकिन रामू अपने जीवन सफल नहीं हो पाता है ।
रामू राम से पूछता है कि बचपन से ही दोनों तो साथ में ही पड़े हैं लेकिन तुम अच्छे सफल व्यक्ति बन गए लेकिन मैं अभी तक असफल ही रह गया हूं अपने जीवन में ।
तुम मुझे बताओ कि मैं सफल व्यक्ति कैसे बन सकता हूं?
राम रामू का जवाब देते हुए यह कहता है कि कल तुम मुझे सुबह अपने पुराने झरने के पास मिलो जहां पर अपन बचपन में खेला करते थे।
रामू सुबह 6:00 बजे झरने के पास चला जाता है और राम का वेट करता है जब राम वहां पर आता है तो दोनों गहरे पानी के तरफ चले जाते हैं वहां पर तैरने लगते हैं राम रामू का सिर एकदम से डूबा देता है और जब तक उसका शरीर नीला ना पड़ जाए जैसे ही उसका शरीर नीला पड़ता है तो राम रामू का सिर ऊपर कर देता है।
रामू जैसे ही ऊपर आता है वह राम को माने लगता है और वहां से निकल कर बाहर आ जाता है और राम भी उसके पीछे-पीछे वहां से निकल जाता है उसके बाद राम-रामू से पूछता है कि जब मैंने तुम्हारा सिर पानी में डाला था तो तूम सबसे पहले क्या याद आ रहा था रामू बोलता है कि मुझे सास लेने के अलावा कुछ याद नहीं आ रहा था कि मैं किस तरह से सास ले सकूं।
राम कहता है कि तुम उस समय सास लेने के लिए कितना संघर्ष कर रहे थे उसी प्रकार सफलता पाने के लिए तुम्हें संघर्ष करना बहुत ही जरूरी है और अपना ध्यान एकत्रित करके अपने किसी भी काम को करने के लिए एक फोकस और एक दंड निश्चय की आवश्यकता होती है और अपने ऊपर विश्वास रखने की आवश्यकता होती है। जब ही सफलता मिलेगी।
इस कहानी से सीख
सफलता हमेशा उन्हीं लोग को मिलती है जो जीवन में संघर्ष करने के लिए कभी नहीं घबराते और अपने काम के लिए हमेशा फोकस रहते हैं सफलता उन्हीं को मिलती है।
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