विद्युत परिपथ क्या है
विद्युत धारा प्रवाह के लिए तैयार किया गया बन्द एवं पूर्ण मार्ग , परिपथ कहलाता है । किसी वैद्युतिक परिपथ के मुख्य घटक निम्न होते हैं :
( i ) सप्लाई स्त्रोत ( Source of supply ) बैट्री , जनित्र , सॉकेट आदि ।
( ii ) सुरक्षा युक्ति ( Safety device ) फ्यूज , थर्मल – रिले आदि ।
( iii ) नियन्त्रक युक्ति ( Controlling device ) स्विच , सर्किट ब्रेकर आदि ।
( iv ) उपभोक्ता युक्ति ( Consuming device ) बल्ब , ट्यूब – लाइट , हीटर , पंखा आदि ।
(V) चालक युक्ति ( Conducting device ) तार केबिल , बस – बार आदि । Supply Lamp
विद्युत परिपथ के प्रकार
बंद विद्युत परिपथ किसे कहते हैं
जिस परिपथ में उपभोक्ता युक्ति में से विद्युत धारा प्रवाहित हो रही हो वह बन्द परिपथ कहलाता है , जैसे जलते हुए बल्ब का परिपथ । इस परिपथ में स्विच ‘ ऑन ‘ होता है , फ्यूज लगा होता है और स्रोत से विद्युत धारा चलकर , उपभोक्ता युक्ति में से प्रवाहित होती हुई वापस स्त्रोत तक अपना मार्ग पूर्ण करती है ।
खुला परिपथ किसे कहते हैं
जिस परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित न हो रही हो और उसका प्रतिरोध अनन्त हो वह रूला परिपथ कहलाता है । लोड रहित जनित्र का परिपथ , खुला परिपथ होता है । इस प्रकार , स्विचरहित एवं लोडरहित सकिट का परिपथ , खुला परिपथ होता है । खुले परिपथ के संयोजक सिरों पर वि . वा . ब . तो विद्यमान होता है परन्तु परिपथ खुला होने के कारण विद्युत धारा प्रवाह का मान शून्य होता है ।
शॉर्ट परिपथ Short Circuit
यदि किसी परिपथ में फेज तार , न्यूट्रल अथवा ‘ अर्थ ‘ तार के सम्पर्क में आ जाये तो परिपथ का फ्यूज उड़ जाता है और उसमें विद्युत धारा प्रवाह समाप्त हो जाता है , ऐसा परिपथ , शॉर्ट परिपथ कहलाता है ।
लीकेज परिपथ Leakage Circuit
यदि किसी परिपथ में फेज तार उपाकरण की बॉडी , नम दोबार माड्यूट पाइप ( लोह ) आई लाइन अथवा मुहता लाइन को स्पर्श करने लगे और विद्युत चारा का कुछ अंश उपभोक्ता युक्ति में न पहुंच पाता हो तो ऐसा परिपथ , लोकेज परिण कहलाता है ।
घरेलू वैद्युतिक परिपथ Domestic Electric Circuits
घरेलू वैद्युतिक वायरिंग में सामान्यतः निम्न प्रकार के परिपथों को आवश्यकता होती है
अलार्म या विद्युत घण्टी परिपथ Alarm Circuits
इस परिपथ के लिए एक पुश बटन , एक विद्युत घण्टी तथा अन्य वायरिंग समयी की आवश्यकता होती है ।
लैम्प परिपथ Lamp Circuits
इस परिपथ के लिए एक सिंगल पोल स्विच , एक लैम्प ( होल्डर सहित ) तथा अन्य वायरिंग सामग्री को आवश्यकता होती है ।
सीलिंग फैन परिपथ Ceiling fan Circuit
इस इस परिपथ के लिए एक सिंगर पोल स्विच एक फैन रेगुलेटर एक सीलिंग रोज तथा अन्य वायरिंग सामग्री की आवश्यकता होती है
सॉकेट परिपथ Socket circuit
इस परिपथ के लिए एक सिंगल पोल स्विच एक सॉकेट तथा अन्य वायरिंग सामग्री की आवश्यकता होती है सॉकेट का सबसे मोटा पिन अर्थ पिन होता है सॉकेट के बाएं पिन कोड प्रायः फेज पिन रखा जाता है
जीने का परिपथ Stair – case Circuit
इस परिपथ के लिए दो टू – वे स्विच , एक लैम्प ( होल्डर सहित ) तथा अन्य वायरिंग सामग्री को आवश्यकता होती हैं । एक स्विच , भवन की एक मंजिल पर तथा दूसरा स्विच , दूसरी मंजिल पर लगाया जाता है और लैम्प , जीने में उपयुक्त स्थान पर लगाया जाता है ।
एक लैम्प का तीन स्थानों में नियन्त्रण One Lamp Controlled from 3 Places
इस परिपथ के लिए दो टू वे स्विच , एक इण्टरमीडिएट स्विच , एक लैम्प ( होल्डर सहित ) तथा अन्य वायरिंग सामग्री की आवश्यकता होती हैं । इण्टरमीडिएट स्विच , दोनों लाइनों को गुणन चिन्हवत् अथवा क्षेतिज दिशा में जोड़ सकता है ।
ट्यूब लाइट परिपथ Tube Light Circuit .
इस परिपथ के लिए एक सिंगल पोल स्विच , एक ट्यूब – लाइट – स्टार्टर , एक चोक , दो ट्यूब होल्डर , एक स्टार्टर होल्डर , एक बेस तथा अन्य वायरिंग सामग्री की आवश्यकता होती है ।
मास्टर स्विच परिपथ Master Switch Circuit
यदि कई घरेलू वैद्युतिक उपकरण अपने – अपने स्विच से नियन्त्रित हों और उन सबके एक साथ नियन्त्रण के लिए एक स्विच और लगा दिया जाए तो वह मास्टर स्विच कहलाता है और ऐसा परिपथ , मास्टर स्विच परिपथ कहलाता है ।
पायलट परिपथ Pilot Circuit
कुछ वैज्ञानिक उपकरणों तथा परिपथों में एक नियोन इण्डीकेटर भी लगाया जाता है । यह इण्डीकेटर स्रोत से सीधे ही जुड़ा होता है और यह सप्लाई की उपस्थिति दर्शाता है , यह परिपथ , पायलट परिपथ कहलाता है ।