की – बोर्ड क्या है
यह एक CUI ( केरेक्टर यूजर इन्टरफेस ) यूजर फ्रेंडली डिवाईस ( यंत्र ) होता है । प्रोग्राम या डेटा इस उपकरण के द्वारा कम्प्यूटर में इनपुट किया जाता है तथा यह उपकरण माइक्रो या मिनी या मेनफ्रेम कम्प्यूटर से जुड़ा रहता है । यह की – बोर्ड टाईपराईटर के की – बोर्ड के समान होता है । इसमें एल्फाबेट्स् , डिजिट्स , विशेष केरेक्टर व कुछ कंट्रोल बटनें ( की ) होती हैं । जब कोई ‘ की ‘ दबाई जाती है तब एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल पैदा होता है जो कि की – बोर्ड एनकोडर ( एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट ) के द्वारा खोजा जाता है । की – बोर्ड एनकोडर एक IC ( इन्टिग्रेटेड सर्किट ) होता है , या फिर सिंगल चिप माइक्रो कम्प्यूटर होता है । इस एनकोडर का कार्य यह पता लगाना होता है कि कौन सी ‘ की ‘ दबाई गई है व उसका कौन सा बाईनरी कोड कम्प्यूटर को देना है । सामान्यत : बाईनरी कोड या तो ASCII या EBCDIC या HEX कोड होता है ।
एक QWERTY प्रकार का की – बोर्ड दर्शाया गया है । पुराने की – बोर्ड में 84 की होती थीं । आजकल कुछ एडवांस की – बोर्ड में 101/102/104/105/106/110 बटनें भी होती हैं । सामान्यतः की – बोर्ड में एल्फाबेट्स , डिजिट्स , कुछ विशेष चिन्ह व कुछ फंक्शन व कुछ कंट्रोल बटनें होती हैं ।
Keyboard का इतिहास
टाइपराइटर को कीबोर्ड का पूर्वज कहा जाता है। क्योंकि कीबोर्ड की बनावट बिल्कुल टाइपराइटर की तरह है या फिर यूं कहें तो टाइपराइटर को देखकर कीबोर्ड को बनाया गया है। कीबोर्ड का आविष्कार सन 1868 में अमेरिका के वैज्ञानिक क्रिस्टोफर लाथम शोलेज ने किया था।
कीबोर्ड की परिभाषा क्या है
“बहुत सारी कुंजियों का समुह जो कंप्यूटर को निर्देश देने के काम आता है कंप्यूटर कीबोर्ड कहलाता है”
कीबोर्ड का हिंदी नाम क्या है?
कीबोर्ड को इंग्लिश में Keyboard , तथा वही हिंदी में इसका दूसरा नाम कुंजीपटल है। कुंजी का मतलब चाभी होता है।
कीबोर्ड का फुल फॉर्म क्या है
K – Keys
E – Electronic
Y – Yet
B – Board
O – Operating
A – A To Z
R – Response
D – Directly
Keyboard में कुल कितने प्रकार के Keys (बटन) होते है
इनमें से कुछ प्रमुख की इस प्रकार हैं :
Enter key
जब यह की ‘ दबाई जाती है तब करसर अगली लाईन के शुरूआत में आ जाता है ।
Home key
किसी संग्रहित टैक्स्ट के शुरूआत में करसर लाने के लिये इसका उपयोग किया जाता है ।
Typing Keys
सबसे अधिक उपयोग इन्ही keys का होता है. Typing keys में दोनो तरह की keys (alphabet और numbers) शामिल होती है, इन्हे सामुहिक रूप में Alphanumeric keys कहा जाता है. Typing keys में सभी तरह के symbols तथा punctuation marks भी शामिल होते है.
End key
किसी संग्रहित टैक्स्ट के अंत में करसर लाने के लिये इसका उपयोग किया जाता है ।
Alt key
यह बटन अन्य सभी बटनों का अतिरिक्त विकल्प कार्यतय करती है । जैसे इस बटन को दबाकर रखने के बाद :
यदि P दबाते है तो स्क्रीन पर PRINT लिखा जाता है
यदि । दबाते है तो स्क्रीन पर INPUT लिखा जाता है
यदि D दबाते है तो स्क्रीन पर DELETE लिखा जाता है ।
Ctrl key
Ctrl का अर्थ कंट्रोल होता है । यह PC को कमांड देने के लिये उपयोग किया जाता है । यह ‘ की ‘ भी किसी अन्य बटन के साथ उपयोग की जाती है । विशेष रूप से इस बटन का उपयोग साफ्टवेयर पर निर्भर करता है ।
Esc key
यह ‘ की ‘ एक अनडू की है तथा इसका उपयोग सामान्यतः किसी लाइन या मैसेज को हटाने के लिये किया जाता है ।
Cursor keys
इन बटनों का उपयोग सामान्यत : करसर को ऊपर , नीचे , दाए व बांए लाने व ले – जाने के लिये किया जाता है ।
Pg Up व Pg Dn :
इन बटनों का उपयोग संग्रहित टैक्स्ट को एक पेज ऊपर या नीचे ले जाने के लिये किया जाता है ।
Del : यह करसर की जगह वाले अक्षर को मिटा देती है ।
Ins : इससे मैटर के बीच में केरेक्टर को जोड़ सकते है ।
Prt Sc key
स्क्रीन पर दिख रहे मैटर का प्रिंट निकालने के लिये इस बटन का उपयोग करते है ।
Tab Key
Tab का use एक साथ कई अक्षरों का space देने के लिए किया जाता है. इसके अलावा भी इसके कई उपयोग है. Tab का use कुछ Keyboard Shortcuts में भी किया जाता है. टैब बटन कम्प्यूटर में केवले एक ही होता है. जो बाएं तरफ स्थित होता है
Shift Keys
Shift Keys का उपयोग letters को uppercase में लिखने के लिए किया जाता है. इसके अलावा किसी बटन के ऊपर वाले हिस्से को type करने के लिए भी Shift Keys का इस्तेमाल किया जाता है.
शिफ्ट बटन कम्प्यूटर में दो होते हैं. एक बायां शिफ्ट बटन और दूसरा दायां शिफ्ट बटन. जब, बड़ा अक्षर बाएं हाथ से टाइप करना है तब दायां शिफ्ट बटन दबाते है और दाएं हाथ से बड़ा अक्षर टाइप करने के लिए बायां शिफ्ट दबाते हैं
Spacebar
Spacebar Keyboard में सबसे बड़ी key होती है. इसका उपयोग Cursor को एक space आगे खिसकाने के लिए किया जाता है
Windows Logo Key
इस Key का use Start Menu को Open करने के लिए किया जाता है.
Menu Key
Menu Key माउस के Right Click के समान ही कार्य करती है. यह किसी चुने हुए प्रोग्राम से संबंधित विकल्पों को open करती है.
Caps Lock Key
इस बटन का उपयोग सभी letters को uppercase (बड़ा) में लिखने के लिए किया जाता है. जब, Caps Lock ऑन रहता है तो सभी letters uppercase में लिखे जाएगें और ऑफ रहने पर lowercase में लिखे जाते है.
Uppercase Letters – A, B, C, D…
Lowercase Letters – a, b, c, d
Function keys
फंक्शन – की F1 से F12 तक होती तथा इनका उपयोग साफ्टवेयर पर निर्भर करता है । जैसे वर्ड सेसिंग में F7 से टैक्स्ट को अंडरलाईन करते है ।
F1 : का उपयोग बोल्ड फेस के लिये किया जाता है ।
F2 : का उपयोग बेसिक में प्रोग्राम रन करने के लिये किया ता है ।
F4 : का उपयोग प्रोग्राम को सेव करने में होता है ।
की – बोर्ड कितने प्रकार के होते हैं
कंप्यूटर कीबोर्ड Basically अभी के समय में निम्नलिखित प्रकार की आती है।
- Normal Keyboard (साधारण कीबोर्ड)
- Wireless Keyboard (तार-रहित कीबोर्ड )
- Ergonomic Keyboard (एर्गोनोमिक कीबोर्ड )
- Flexible Keyboard (फ्लेक्सिबल कीबोर्ड )
- Virtual Keyboard (वर्चुअल कीबोर्ड )
- Projection Keyboard (प्रोजेक्शन कीबोर्ड )
Normal Keyboard (साधारण कीबोर्ड) :-
Normal Keyboard इस कीबोर्ड का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। ये एक साधारण सा कीबोर्ड होते है जिसमे कोई extra keys नहीं होती इसमें सिर्फ अल्फाबेट Keys, न्यूमेरिक Keys, फंक्शन Keys इत्यादि सब मिलाकर 101 बटन होते है।
Wireless Keyboard (तार-रहित कीबोर्ड) :-
Wireless Keyboard में ठीक साधारण कीबोर्ड की तरह होता है बस इसका खूबी यह होता है की इसमें किसी प्रकार का कोई तार नहीं होता ये बिना तर के होता है। ये Bluetooth से कंप्यूटर या लैपटॉप में कनेक्ट आसानी से हो जाता है। और है इस प्रकार में एक बैटरी भी लगी होती है।
Ergonomic Keyboard (एर्गोनोमिक कीबोर्ड) :–
Ergonomic Keyboard इस तरह keyboard का खैसियत यह है की यह बिलकुल Comfortable Feel के लिए बनाया गया है ताकि इसके users को आसानी हो इसको चलाने में इसीलिए इसका डिज़ाइन यूजर के Comfort के अनुसार थोड़ा टेढ़ा मेढा आता है। इसमें साधारण keyboard के मुकाबले ज्यादा बटन होते है।
Flexible Keyboard (फ्लेक्सिबल कीबोर्ड) :-
Flexible Keyboard (लचीले कीबोर्ड) के कई फायदे हैं। इसको इस तरह से डिज़ाइन किया गया है, की इसको हम मोड़ सकते है और जरुरत पड़ने पर हमारे पॉकेट में इसको रख कर कही ले जा सकते है। जबकि और कीबोर्ड को ले जाने के लिए अधिक जगह की आवश्यकता होती है। इसे Compact Design में बदला जा सकता है। और ये ज्यादातर water Proove होता है।
Virtual Keyboard (वर्चुअल कीबोर्ड) :-
Virtual Keyboard ये कोई फिजिकल कीबोर्ड नहीं होता है बल्कि ये हमारे स्क्रीन पर दिखता है जिसे हमे अपने माउस से Click करना होता है। अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में इसे आसानी से डाउनलोड और इस्तेमाल कर सकते है। ये ठीक वैसा ही होता है जैसा एक Touch screen मोबाइल में कीबोर्ड होता है।
Projection Keyboard (प्रोजेक्शन कीबोर्ड) :-
Projection Keyboard यह भी लगभग लगभग Virtual Keyboard की तरह ही होता है क्योकि इसमें भी कोई फिजिकल कीबोर्ड तो नहीं होता पर एक डिवाइस होती है जिससे निचे प्रोजेक्शन होता है और एक लाइट के सहारे एक कीबोर्ड हमे दिखाई देता है। इसमें लगे sensor ये पता लगा लेता है की हमने कौन सी बटन click की है।
की – बोर्ड में की – स्वीचेस ( बटनों ) के प्रकार
बोर्ड में अलग – अलग तरह के बटनों का उपयोग करते हैं । इनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
( 1 ) मैकेनिकल की – स्विच
( 2 ) मेम्बरेन की – स्विच
( 3 ) केपेसिटिव की – स्विच
( 4 ) हॉल इफेक्ट की – स्विच
( 5 ) रीड रिले की – स्विच
हमें उम्मीद है कि आपको मेरा article जरूर पसंद आया होगा! की – बोर्ड क्या है और कितने प्रकार के होते हैं ? मैं हमेशा यह कोशिश करता हूं कि रीडर को इस विषय के बारे में पूरी जानकारी मिल सके ताकि वह दूसरी साइड और इंटरनेट के दूसरे article पर जाने की कोशिश ही ना पड़े। एक ही जगह पूरी जानकारी मिल सके।
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