इन्ट्रानेट क्या है
किसी आर्गेनाइजेशन का एक प्रायवेट TCPNP नेटवर्क जो कि इंटरनेट की सभी टेकनोलॉजी (जैसे वेब सर्वर व वेब ब्राउजर्स) का उपयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान व परस्पर सहयोग के लिये करता है।
इन्ट्रानेट के गुण
(1) यह ऐसे सभी प्रोटोकॉल्स व सर्विसेस का उपयोग करता है,जो पब्लिक इन्टरनेट के हैं, जैसे ई-मेल,न्यूज, चेटसम वेब पेजेस।
(2) इसका उपयोग कम्पनी-पॉलिसिस् व न्यूज-लेटर्स को पब्लिश करने, प्रोडक्ट सूचना के साथ-साथ सेल्स व मार्केटिंग स्टाफ देने के लिए, टेक्निकल सपोर्ट व ट्यूटोरियल्स के लिये और इसके अलावा ऐसी सभी गतिविधियों के लिये जो हम सोच सकते हैं और वह स्टेंड्र्ड वेव सरवर व वेब ब्राऊजर वातावरण में उपयुक्त हो, करते हैं।
(3) इस नेटवर्क में सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल होता है।
(4) सभी प्रोटोकाल्स् इन्टरनेशनल स्टेडंर्ड पर आधारित होते हैं
जैसे TCP/IP इत्यादि।
(5) इंट्रानेट सामान्यतः किसी आर्गेनाइजेशन को एकीकृत करने के लिये बनाया जाता है अर्थात् ऐसा आर्गेनाइजेशन जिसकी बहुत अधिक ब्रांच हों व अलग-अलग जगह पर हों, को एकरूप प्रदर्शित करने हेतु।
इंट्रानेट के लाभ
(1) प्रायवेट होने के कारण कम खर्चिला कम्युनीकेशन देता है।
(2) आर्गेनाईजेशन में हमेशा नई व समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान सम्भव है।
(3) इलेक्ट्रानिक सहयोग से बहुत सी समस्याओं का समाधान सम्भव है, जैसे एक ही तरह के कार्य में दूरी, सूचनाओं के कई वरशन्स व कई कापी और सभी के प्रयासों को एकीकृत करना इत्यादि।
4) इन्ट्रानेट की एकीकृत सुरक्षा प्रक्रिया कारपोरेट डेटा के अनुचित उपयोग को तो रोकता ही है व साथ-साथ सम्पूर्ण सिस्टम इंटिग्रिटी को भी बढ़ाता है।
(5) पब्लिक नेटवर्क की तुलना में बहुत अधिक प्रायवेसी
(गोपनीयता)।
(6) पब्लिक नेटवर्क की तुलना में नियंत्रण आसान ।
(7) पब्लिक नेटवर्क की तुलना में फाल्ट रिकवरी आसान।
इन्ट्रानेट से हानियाँ
(1) प्रारंभिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत बहुत अधिक आती है।
(2) इसका नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन बहुत कठिन है।
(3) बहुत अधिक तकनीकी दक्ष व्यक्तियों की आवश्यकता है।
(4) जो बहुत पुराने स्वामित्व वाले नेटवर्क हैं, उनमें उनके अनुरूप बहुत अधिक सॉफिस्टीकेटेड टूल्स का होना।
(5) इसका विस्तार महंगा व कठिन होता है।