रेत घड़ी का कमाल की कहानी | Amazing story of sand clock in Hindi

रेत घड़ी का कमाल की कहानी


अकरम ने सारी दुनिया अपनी अम्मी  नजर से देखी थी अकरम की मम्मी का नाम अमीन आ था अकरम के मन में जब भी कोई जिज्ञासा होती तो वह अपनी अम्मी  के पास जाता अमीना को भी अकरम के सवाल के जवाब देने में मजा आता था जवाब सुनने के बाद अकरम के चेहरे पर एक संतोष का भाव आ जाता जैसे वाह सब कुछ समझ गया हो


 अकरम के पिताजी एक नौकरी पेशा आदमी थे ज्यादातर समय अपनी नौकरी में व्यस्त रहते थे इस वजह से वहां अकरम के साथ पर्याप्त समय नहीं बिता पाते थे अकरम की सारी जिम्मेदारी अमीना पर ही होती थी घर गृहस्ती के काम से फुर्सत होने के बाद अमीना काफी थक जाती थी और आराम करने के लिए लेट जाती अकरम अपनी माता के पैर दबाता और उनसे परियों पंचतंत्र और नैतिक मूल्यों की कहानियां सुना करता था

  अमीना भी बड़े चाव से अकरम को कहानी सुनाने में व्यस्त हो जाती और अपनी सारी थकान भूल जाती मानो वह अपने बेटे में अपना बचपन जीती थी य ही  क्रम चलता रहा 1 दिन शहर में एक सनकी गिरोह घुस आया लूटपाट और खून खराबा करता था रात में सुनसान सड़क पर आ म नागरिकों का चलना मुश्किल हो गया था शहर में चोरी चकारी लूट हत्या ऐसे मामले आम हो गए आए दिन अखबारों में ऐसी खबरें आती रहती

 अकरम के पिता सुबह के समय अख़बार पढ़ने के शौकीन थे वे अपने परिवार वालों को भी खबरें पढ़कर सुना देते नन्हे अकरम को खबरें सुनकर बहुत जिज्ञासा रहती तो वहां अपनी मां से इस बारे में चर्चा करता अमीना भी बात बदल कर अकरम को सिर्फ अच्छी बातें ही बताती एक दिन अखबार में रेत घड़ी के बारे में बहुत ही सुंदर आर्टिकल छपा जो रेत घड़ी की उपयोगिता के बारे में था

 अकरम ने कभी अपने जीवन में रेत घड़ी का नाम नहीं सुना था और ना ही देखा था उसके मन में इसके बारे में जानने की जिज्ञासा थी वह झट  से दौड़ कर अपनी मां के पास गया और रेत  घड़ी के बारे में पूछने लगा अमीना अपने घरेलू कामों में व्यस्त थी तो वह अकरम को टालती गई

 दोपहर का वक्त था अमीनाअपने सारे कामों से फुर्सत हो चुकी थी अकरम अपनी मां के पास गया और फिर से घड़ी के बारे में पूछने लगा तभी अमीना ने अपने पड़ोस में अकरम को भेजकर अपनी सहेली के यहां से एक रेत घड़ी मंगवा ली और अब अपने हाथ में रेत घड़ी लेकर अकरम को समझाने लगी कि यह क्या है और कैसे काम करती है अकरम जिज्ञासा वश अमीना को ध्यान से देख रहा था सब कुछ समझाते समझाते अमीना को उसकी मां की एक शिक्षा याद आ गई और उसने रेत घड़ी को मानव जीवन से जोड़कर समझायाऔर कहाँ की जैसे एक समय बाद इस रेत घड़ी की सारी रेत दूसरे हिस्से मे चली जाती है वैसे ही मानव जीवन भी बिना टाइम का सही उपयोग किये बेकार ही बीत जाता है इसीलिए आदमी को चाहिए कि अपने जीवन का अच्छा सेअच्छा उपयोग करने की कोशिश करें

 अकरम ने सहमति व्यक्त करते हुए अपने सिर को हिलाया और अमीना ने तभी पूछा इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है तो अकरम ने कहा टाइम ही सब कुछ है इसका उपयोग अच्छे से करना चाहिए आज अमीना बहुत खुश थी कि उसने खेल-खेल में बड़े दार्शनिक के विचारों को अपने बेटे को समझा दिया

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