Misa कानून क्या है
मिसा एक्ट भारतीय संसद द्वारा 1971 में लगाया गया एक कठोर कानून था यहां मीसा एक्ट की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के द्वारा की गई थी जो सत्ता मैं विराजमान थी इस एक्ट के तहत वहां संस्थाएं जो कानून की व्यवस्था को चलाती थी उन्हें अत्यधिक अधिकार दे दिए गए थे।
MISA का फुल फॉर्म क्या है
MISA की full form है- Maintenance of internal security act / आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम
मीसा के तहत जेल में पहुंचे लोग
इस एक्ट को सन 1977 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के सत्ता में आने के बाद इस एक को हटा दिया गया था मीसा के लागू होने से आम आदमी के संवैधानिक मूल्य अधिकारी छीन लिए गए थे इंदिरा गांधी की पराजय के बाद इस क़ानून को निरस्त किया गया
मीसा कानून सन 1971 में लागू किया गया था परंतु इस का उपयोग सन (1975-1977) कि आपातकाल के दौरान विपक्षी पार्टी के कई नेताओं को काल कोठरी में डालने के लिए किया गया था इस कानून के तहत विपक्ष पार्टी के कई बड़े नेताओं को जेल में डाला गया जिनमें भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, नीतीश कुमार, लालू यादव, रविशंकर प्रसाद, सुशील मोदी, भी शामिल थे मीसा एक्ट के तहत अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों को कुचलने का कार्य किया गया जिसके कारण न्यायपालिका में बंदियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी, जिसकी वजह से कुछ कैदी बंदियों को 21 महीने के आपातकाल के दौरान जेल में ही रहना पड़ा |
मीसा एक्ट के तहत एक लाख से अधिक लोगों को जेल में डाला गया इस एक्ट के तहत भारत के लोगों के नागरिक अधिकार पहले ही खत्म कर दिए गए थे तथा इस बहाने लोगों को परेशान किया गया उनसे सम्पति से अधिपकत्व छीन लिया गया तथा कानून को ओर कठोर कर दिया गया
मीसा एक्ट के तहत जेल में पड़े बंदियों की कार्यवाही भी नहीं होती थी बिहार के मुख्यमंत्री की बेटी का जन्म 1976 में मीसा अधिनियम के चलाते हुए आपातकाल के दौरान जेल में बंदी रहे लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटी का नाम मीसा भारती रखा।
जेल में तैयार किया गया विपक्ष का एक चिठ्ठा
कांग्रेस द्वारा मीसा एक्ट को लागू करना कांग्रेस पार्टी की बड़ी भूल बन गई थी आपातकाल के दौरान बंधियो ने कांग्रेस पार्टी के प्रति विरोध किया आपातकाल के दौरान जिन व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जानी थी उनकी सूची तैयार की गई इस सूची को इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने तैयार किया सुबह होते ही सूची के अनुरूप मीसा बंदियों को जेल में डाल दिया गया मीसा के तहत सबसे पहले मोरारजी देसाई और जेपी को मीसा के तहत जेल में डाल दिया गया मीसा अधिनियम के अंतर्गत बंदी लालू प्रसाद यादव, जॉर्ज फर्नांडिस, आडवाणी जी, ने जेल से बाहर आते ही कांग्रेस पार्टी के प्रति विरोध करते हुए उन्हें सत्ता से हटा दिया गया था जनता पार्टी की वजह से मीसा कानून को निरस्त कर दिया क्या जनता पार्टी के द्वारा आपातकाल के दौरान मीसा के तहत बंदी रहे लोगों को पेंशन देने का कार्य प्रारंभ किया गया मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार ने मीसा बंदियों को 15000 पेंशन देना शुरू किया तथा कुछ सालों बाद राजस्थान सरकार ने मीसा बंदियों को 12000 प्रतिमाह पेंशन देने का कार्य शुरू किया।